Gwalior Lokayukta Police Action : ग्वालियर लोकायुक्त पुलिस ने रिश्वत (Bribe) लेते नगर निगम ग्वालियर के दो कर्मचारियों को गिरफ्तार किया है, इसमें एक नगर निगम का कर संग्रहक यानि टीसी है और दूसरा आउट सोर्स कर्मचारी है, आरोपी निगम कर्मचारी रिटायर्ड डीएसपी से उनके मकान के नामांतरण के बदले 2000/- रुपये की रिश्वत ले रहे थे।
एक सप्ताह में ग्वालियर नगर निगम के तीन कर्मचारी गिरफ्तार
ग्वालियर नगर निगम की किस्मत इन दिनों ख़राब चल रही है, बुधवार को यूनिवर्सिटी थाना पुलिस ने नगर निगम के कंप्यूटर ऑपरेटर करण वर्मा को कॉलेज संचालक प्रशांत परमार के बेटे प्रखर परमार की हत्या के आरोप में दो साथियों के साथ गिरफ्तार किया और आज शुक्रवार को दो कर्मचारियों को लोकायुक्त पुलिस ने रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया।
लोकायुक्त एसपी रामेश्वर यादव से मिली जानकारी के मुताबिक दीनदयाल नगर में रहने वाले रिटायर्ड डीएसपी 71 वर्षीय भगवान दास पन्त ने लोकायुक्त कार्यालय में एक शिकायती आवेदन दिया था जिसमें उन्होंने कहा था कि उनके मकान के नामांतरण के बदले नगर निगम के कर्मचारी रिश्वत की मांग कर रहे हैं।
लोकायुक्त ने की ट्रैप की प्लानिंग
शिकायती आवेदन की जांच के बाद लोकायुक्त ने नगर निगम के कर संग्रहक (टीसी) गोपाल सक्सेना और उनके एक सहयोगी को ट्रैप करने की प्लानिंग की, ग्वालियर लोकायुक्त पुलिस की टीम ने आज आवेदक रिटायर्ड डीएसपी भगवान दास पन्त को नगर निगम के कार्यालय जनमित्र केंद्र क्रमांक 3 लूटपुरा भेजा।
लोकायुक्त ने दो कर्मचारी रंगे हाथ गिरफ्तार किये
आवेदक भगवान दास पन्त ने नगर निगम कार्यालय लूटपुरा पहुंचकर टीसी गोपाल सक्सेना और उनके सहयोगी आउट सोर्स कर्मचारी रोहित कुमार को जैसे ही रिश्वत की राशि 2000/- रुपये दी पहले से मौजूद ग्वालियर लोकायुक्त पुलिस की टीम ने इशारा मिलते ही उन्हें रंगे हाथ दबोच लिया, लोकायुक्त टीम ने आरोपी कर संग्रहक गोपाल सक्सेना की शर्ट की जेब से रिश्वत राशि बरामद की।
ग्वालियर से अतुल सक्सेना की रिपोर्ट
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Atul Saxena
पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....
पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....