कलेक्टर कार्यालय में खनिज अधिकारी और क्लर्क ले रहे थे रिश्वत, लोकायुक्त पुलिस ने रंगे हाथ पकड़ा

जैसे ही रिश्वत की राशि दी गई इशारा मिलते ही बाहर मौजूद लोकायुक्त ग्वालियर की टीम अन्दर पहुंच गई और दोनों को रंगे हाथ पकड़ लिया।

Atul Saxena
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Lokayukta Action : मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने प्रदेश में भ्रष्टाचार पर जीरो टोलरेंस के निर्देश दिए हैं, सीएम के निर्देश के बाद पुलिस महानिदेशक लोकायुक्त जयदीप प्रासद ने विभागीय अधिकारियों को सख्ती से एक्शन लेने के आदेश दिए हैं, आदेश के बाद से अधिकारी सतर्क हैं और लगातार एक्शन रहे है, इसी क्रम में ग्वालियर लोकायुक्त पुलिस की टीम ने आज गुना कलेक्टर कार्यालय में एक ट्रैप की कार्रवाई की है।

ग्वालियर लोकायुक्त पुलिस एसपी राजेश मिश्रा से मिली जानकारी के मुताबिक गुना जिले की बजरंगगढ़ तहसील के निवासी ऋषिकेश सेन ने कार्यालय में एक शिकायती आवेदन दिया था जिसमें खनिज अधिकारी पर रिश्वत मांगे जाने के आरोप थे।

खनिज अधिकारी ने इसलिए मांगी रिश्वत 

आवेदक ने लिखा कि ग्राम पंचायत छीपौन में कुआं खुदाई के एवज में खनिज अधिकारी दीपक कुमार सक्सेना उनसे 41,000/- रुपये की रिश्वत की मांग कर रहे हैं, लोकायुक्त की टीम ने आवेदक के आरोपों की सत्यता की जाँच की और फिर आज ट्रैप प्लान की।

खनिज अधिकारी ने क्लर्क को दिलवाई रिश्वत की राशि 

ग्वालियर लोकायुक्त पुलिस की टीम निर्धारित समय पर आज शिकायतकर्ता के साथ कलेक्टर कार्यालय गुना पहुंची, शिकायतकर्ता ऋषिकेश सेन खनिज अधिकारी के कक्ष क्रमंत 228 में रिश्वत की राशि लेकर पहुंचा और उसने वो राशि खनिज अधिकारी दीपक कुमार सक्सेना के कहने पर ऑफिस क्लर्क (सहायक ग्रेड-3) दीपक भार्गव को दिलवा दी।

गुना कलेक्टर कार्यालय में रिश्वत लेते खनिज अधिकारी, क्लर्क गिरफ्तार  

जैसे ही रिश्वत की राशि दी गई इशारा मिलते ही बाहर मौजूद लोकायुक्त ग्वालियर की टीम अन्दर पहुंच गई और दोनों को रंगे हाथ पकड़ लिया, लोकायुक्त ग्वालियर की टीम ने खनिज अधिकारी दीपक कुमार सक्सेना और क्लर्क दीपक भार्गव (सहयक ग्रेड -3) के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धाराओं में केस दर्ज का गिरफ्तार कर लिया।

कलेक्टर कार्यालय में खनिज अधिकारी और क्लर्क ले रहे थे रिश्वत, लोकायुक्त पुलिस ने रंगे हाथ पकड़ा


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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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