शादी के लिए नहीं माने घरवाले, प्रेमी जोड़े ने एक साथ लगाई फांसी

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ग्वालियर । जिले के बिजौली थाना क्षेत्र के ग्राम विजयगढ़ में पड़ोस में रहने वाले एक प्रेमी प्रेमिका ने नीम के पेड़ पर एक साथ एक ही रस्सी से फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। दोनों एक दिन से घर से गायब थे। परिजनों ने पुलिस में गुमशुदगी भी दर्ज कराई थी।  लेकिन पुलिस उन्हें ढूंढ पाती उससे पहले ही दोनों ने मौत को गले लगा लिया। बताया जा रहा है कि दोनों शादी करना चाहते थे लेकिन परिजनों को ये रिश्ता मंजूर नहीं था।  उधर लड़के के भाई ने लड़की वालों पर हत्या की आशंका जताई है।

जानकारी के अनुसार थाना बिजौली के अंतर्गत विजयगढ़ गांव में रहने वाला साहब सिंह जाटव और मनिया जाटव पड़ोसी हैं। मनिया के 19 वर्षीय बेटे  अरुण  और साहब सिंह की 16 वर्षीय नाबालिग बेटी आपस में प्रेम करते थे और शादी करना चाहते थे। गांव के लोग भी ये बात जानते थे लेकिन परिजनों को उनका रिश्त पसंद नहीं था इसलिए उन्होंने इंकार कर दिया  इसी बात से नाराज हो कर दोनों एक दिन पहले घर से भाग लिए।  परिजनों ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई। लेकिन पुलिस जब तक कोई एक्शन ले पाती उससे पहले ही दोनों ने आत्महत्या कर ली।  सुबह के समय गाँव वालों ने एक खेत में नीम के पेड़ पर दोनों के शव लटके देखे। जिसके बाद परिजनों और पुलिस को सूचना दी। लड़की के चाचा का कहना है कि एक महीने पहले भी उनकी लड़की घर से कुछ देर के लिए भागी थी लेकिन लौट आई थी तब उसे समझा दिया था। लेकिन बीते रोज तड़के वो घर से निकल गई और फिर हमें उसके फांसी पर लटके होने की सूचना मिली। उधर लड़के के भाई ने लड़की वालों पर ही गंभीर आरोप लगाये हैं उनका कहना है कि हमें दोनों की मौत की सूचना लड़के के परिजनों ने ही दी।लड़के का फोन भी उन्हीं पर था। क्या मालूम मार कर लटका दिया हो। उधर पुलिस ने दोनों के शवों को पेड़ से उतारकर पोस्ट मार्टम के लिए भेज दिया है। पुलिस का कहना है कि दोनों की गुमशुदगी दर्ज है । जांच के बाद ही असलियत सामने आ सकेगी। उधर इस मामले में पुलिस की असंवेदनशीलता भी सामने आई है। एक तो नाबालिग लड़की के बालिग लड़के से साथ गायब होने के बाद भी उसने उन्हें ढूंढने में गंभीरता नहीं दिखाई दूसरा जब लड़की पहले गायब हुई थी ये जानकर भी पुलिस ने उसकी काउंसलिंग नहीं कराई। क्योंकि छोटी उम्र में लड़के लड़कियां अक्सर गलतियाँ का जाते हैं लेकिन जब उन्हें समझाया जाता है तो वे गलती सुधार भी लेते हैं लेकिन इस मामले में बच्चों को गलती सुधारने ने का मौका नहीं मिला। परिजन अपने अड़ियल रवैये पर अड़े रहे और पुलिस ने भी सामाजिक जिम्मेदारी नहीं निभाई और नतीजा ये हुआ कि दो जान चली गईं।


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