क्रूरता की सारी हदें पार, मौत के घाट तक नन्हे श्वान पर वार, एफआईआर दर्ज

Atul Saxena
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Puppy beaten to death with a stick in Gwalior : ग्वालियर में पशु क्रूरता का एक मामला फिर सामने आया है, एक व्यक्ति ने कुत्ते के एक पिल्ले की डंडे से पीट पीट कर हत्या कर दी, किसी ने इस घटना का वीडियो बना लिया और फिर इसे वायरल कर दिया , पुलिस ने एक शिकायत के बाद आरोपी के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है।

दुनिया में एक बड़ा वर्ग है जो कुत्तों को प्यार करता है, उसे पालता है, उसे अपने घर का सदस्य मानता है क्योंकि कुत्ता एक सच्चा दोस्त और वफादार साथी है, यहाँ ध्यान देने वाली बात ये भी है कि कुत्ता ही सिर्फ एक ऐसा पशु है जिसे यदि आप पालें भी नहीं सिर्फ रोज प्यार करें तो भी वो वफ़ादारी निभाने से पीछे नहीं रहता।

इससे इतर कुछ ऐसे लोग भी होते हैं जो पशुओं के साथ क्रूरता करते हैं और उनकी हत्या करने के लिए हैवानियत की हद पार कर जाता है, ऐसा ही एक मामला ग्वालियर में सामने आया है जिसमें एक व्यक्ति ने सड़क पर घूमने वाले एक नन्हे श्वान यानि पिल्ले की डंडे स पीट पीट कर हत्या कर दी, खास बात ये है कि हैवान बना ये हैवान पिल्ले के मरने के बाद भी उसपर डंडे बरसाता रहा फिर अपनी लाठी को मोटरसाइकिल पर रखकर चला गया।

ये पूरा वाकया जनकगंज थाना क्षेत्र के गोल पहाड़िया श्री राम कॉलोनी क्षेत्र का है, अच्छी बात ये है कि जब ये इंसान नन्हे श्वान यानि पिल्ले पर हैवानियत कर रहा था तब किसी ने छत पर स एइसका वीडियो बना लिया और इसे वायरल कर दिया, वायरल वीडियो श्वान एनिमल एंड वेलफेयर फॉउंडेशन की अध्यक्ष नम्रता सक्सेना के पास भी पहुंचा , कोटेश्वर मंदिर के पास रहने वाली डॉग लवर नम्रता सक्सेना ने जनकगंज थाने पहुंचकर इसकी एफआईआर दर्ज कराई।

पुलिस ने उनकी शिकायत के आधार पर आरोपी वीरेंद्र झा के खिलाफ पशु क्रूरता अधिनियम की धाराओं में मामला दर्ज कर लिया है और उसकी तलाश कर रही है। पिल्ले के साथ हैवानियत की वायरल वीडियो एमपी ब्रेकिंग न्यूज़ के पास भी है लेकिन सामाजिक दायित्व को निभाते हुए हम इस संवेदनशील और हिंसा वाले वीडियो  को नहीं लगा रहे हैं।

ग्वालियर से अतुल सक्सेना की रिपोर्ट 


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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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