चलती बाइक पर जबरन लिफ्ट लेकर बैठा बदमाश, अधिकारी की जेब काटी, 20 हजार रुपये लूटकर साथियों सहित फरार

दिन दहाड़े इस तरह की घटना होने से अधिकारी राजेश मित्तल घबराए हुए हैं LNIPE के उनके साथी भी चिंतित हो गए हैं कि इस तरह तो कोई भी जबरन लिफ्ट लेकर वारदात कर सकता है इसलिए सबको बहुत चौकन्ना और सावधान रहने की जरुरत है।

Gwalior News : ग्वालियर में बदमाशों ने LNIPE के एक अधिकारी को निशाना बनाकर जबरन चलती बाइक पर  उनसे लिफ्ट ली फिर बैठे बैठे उनकी जेब काटकर उसमें रखे 20 हजार रुपये लूटे और फरार हो गए, उन्होंने पुलिस थाने में इसकी शिकायत की है।

गर्मियां शुरू हो गई है, कुछ सड़के या फिर क्षेत्र ऐसे होते हैं जहाँ आवाजाही कम रहती है ऐसे ही एक क्षेत्र में आज जेबकटी या फिर लूट की घटना हो गई, इस घटना में आरोपी जबरन लिफ्ट लेकर बैठा और फिर उसने आगे तक छोड़ने के लिए कहा, मना किया गया तो धमकी दी, और फिर वारदात कर साथियों के साथ फरार हो गया।

ये घटना आज लक्ष्मीबाई राष्ट्रीय शारीरिक शिक्षा संस्थान LNIPE के अधिकारी राजेश मित्तल के साथ घटी, उन्होंने मीडिया को जो जानकारी दी उसके मुताबिक वे आज सुबह अपनी बाइक से  LNIPE के लिए आने के लिए तानसेन नगर पुल से निकले थे, वो पुल पर थोड़ा आगे बढे ही थे कि एक बाइक पर दो लड़कों ने उन्हें रोकने की कोशिश की।

जबरन बाइक पर बैठा कहा मुझे आगे तक छोड़ दो और जेब काट ली  

उन्हें कुछ अजीब लगा तो बाइक चलाते रहे इतने में बदमाशों ने अपनी बाइक मेरी बाइक के सामने लगा दी और पीछे बैठा बदमाश उतारकर मेरी बाइक पर बैठ गया और कहने लगा कि मुझे आगे तक छोड़ दो, मैं बाइक चलाता रहा और जब मैंने उन्हें कृषि कॉलेज पर उतरने के लिए कहा तब तक उसने मेरी पेंट की जेब काटकर उसमें रखे 20 हजार रुपये लूट लिए।

पेंट की कटी जेब के साथ पुलिस थाने पहुंचे पीड़ित अधिकारी 

जेब काटने के बाद बदमाश ने मुझे धक्का दिया मैं गिर गया और वो भाग गया इतने में पीछे से उसका साथी आया और बाइक पर बैठकर दोनों बदमाश फरार हो गए, परेशान अधिकारी LNIPE पहुंचे स्टाफ को घटना बताई उन्होंने सबूत के तौर पर कटी हुई पेंट की जेब दिखाई और उसमें कटा हुआ एक 500 रुपये के नोट का टुकड़ा भी दिखाया , बाद में वे गोला का मंदिर पुलिस थाने गए जहाँ थाने पर उनसे आवेदन ले लिया गया।

ग्वालियर से अतुल सक्सेना की रिपोर्ट 


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Atul Saxena

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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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