ग्वालियर पुलिस की मॉक ड्रिल में दंगाई टीम में शामिल आरक्षक घायल, सिर में लगी चोट, अस्पताल में भर्ती

एसपी ने पुलिसकर्मियों से कहा बलवा किट आपकी सुरक्षा के लिए है। यह आपकी वर्दी का ही हिस्सा है। जिस तरह वर्दी पहनते हैं, उसी तरह किट पहनने की आदत डालें। जब भी दंगा फसाद की स्थिति बनती है तो यही बलवा किट आपकी सुरक्षा करती है।

त्योहारों को देखते हुए और अम्बेडकर के नाम गरमाए सियासी माहौल को देखते हुए ग्वालियर पुलिस चौकन्नी है, पुलिस अपने सभी मोर्चों को चुस्त दुरुस्त कर उनका अभ्यास कर रही है, इसी क्रम में आज पुलिस लाइन में मॉक ड्रिल का आयोजन किया गया, कुछ पुलिसकर्मियों ने बलवा परेड ड्रेस पहनकर भूमिका निभाई तो कुछ पुलिसकर्मी दंगाई की भूमिका में थे, इसी दौरान जब पत्थर फेंकने और जवाबी कार्रवाई में अश्रु गैस के गोले छोड़ने का अभ्यास किया जा रहा था तभी एक आरक्षक हकीकत में चोटिल हो गया उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया है।

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पुलिस लाइन ग्वालियर में आज बलवा ड्रिल/ मॉक ड्रिल का अभ्यास किया गया, इस अभ्यास का उद्देश्य कानून-व्यवस्था की स्थिति बिगड़ने या किसी अप्रत्याशित परिस्थिति में पुलिस बल की तत्परता एवं सामूहिक कार्रवाई की दक्षता बढ़ाना था। इस दौरान पुलिस बल को दंगाइयों से निपटने के लिए विभिन्न रणनीतियाँ, भीड़ को नियंत्रित करने के तौर-तरीके और आवश्यक कानूनी प्रक्रियाएँ सिखाई गईं।

एसपी ग्वालियर धर्मवीर सिंह बलवा परेड में शामिल पुलिस अधिकारियों और ने कहा कि बलवा किट आपकी सुरक्षा के लिए है। यह आपकी वर्दी का ही हिस्सा है। जिस तरह वर्दी पहनते हैं, उसी तरह किट पहनने की आदत डालें। जब भी दंगा फसाद की स्थिति बनती है तो यही बलवा किट आपकी सुरक्षा करती है। इसलिए इसे नियमित रूप से पहनने का अभ्यास करें। पुलिस की गाड़ियां में बलवा किट अनिवार्य रूप से रखी जाए। जिससे जरूरत पड़ने पर पुलिस लाइन न भागना पड़े।

बलवा ड्रिल अभ्यास के दौरान भीड़ को तितर-बितर करने के विभिन्न तरीकों के साथ लाठी चार्ज, आंसू गैस के गोले और दंगाईयों पर एंटी राइट गन, टीयर गैस गन, हैंड ग्रेनेड आदि शस्त्रों को चला कर अभ्यास कराया। इस दौरान पुलिस की विभिन्न टीमें बनाकर दंगा नियंत्रण के लिए अमल में लाए जाने वाले सभी विधिक प्रावधानों का क्रमवार अभ्यास कराया गया। पुलिस लाइन में बलवा ड्रिल के दौरान आधे पुलिसकर्मी दंगाई बने और आधे पुलिसकर्मी बलवा किट में तैनात थे।

दंगाइयों ने किया पथराव, पुलिस ने छोड़े अश्रु गैस के गोले!

जैसे ही दंगाई बने पुलिसकर्मियों ने पथराव और उपद्रव शुरू किया तो पुलिसकर्मियों ने पहले बैरीकेड से इन्हें रोका, जब अनियंत्रित हो गए तो अश्रु गैस के गोले छोड़े। करीब ढाई घंटे तक चले इस अभ्यास में पुलिस बल ने अत्यंत अनुशासन और समन्वय का परिचय दिया। मॉक ड्रिल के माध्यम से बल को हर स्थिति में शांति, संयम और तत्परता के साथ कार्य करने की प्रेरणा दी गई।

दंगाइयों की टीम में शामिल आरक्षक को लगी चोट 

मॉक ड्रिल में उस समय थोड़ी अप्रिय स्थिति बन गई जब दंगाइयों की टीम में शामिल पुलिस आरक्षक संतोष भदौरिया घायल होगया  उसके सिर में कोई नुकीली वस्तु आकर लगी जिससे उसे चोट लगाई, घायल होते है वहां मौजूद अन्य पुलिसकर्मियों ने उसे एम्बुलेंस तक पहुंचाया और और फिर इलाज के लिए जयारोग्य अस्पताल भेजा।

घायल आरक्षक का इलाज जारी, हालत ठीक 

एडिशनल एसपी सुमन गुर्जर ने मीडिया को बताया कि मॉक ड्रिल एक सामान्य अभ्यास है जिसे पुलिस कानून व्यवस्था को देखते हुए करती है उसी दौरान ये घटना हुई है, आरक्षक को चोट लगी है लेकिन वो सामान्य स्थिति में है मेरी डॉक्टर से बात हो गई है कोई चिंताजनक बात नहीं है उसका इलाज किया जा रहा है।

ग्वालियर पुलिस की मॉक ड्रिल में दंगाई टीम में शामिल आरक्षक घायल, सिर में लगी चोट, अस्पताल में भर्ती

ग्वालियर पुलिस की मॉक ड्रिल में दंगाई टीम में शामिल आरक्षक घायल, सिर में लगी चोट, अस्पताल में भर्ती


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