ग्वालियर में बुजुर्ग माँ और बेटी की मुंह दबाकर हत्या, कमरे में बिखरा मिला सामान और जेवर, IG और SP घटना स्थल पर

पुलिस को माँ बेटी के शव पलंग पर पड़े मिले, शुरूआती जाँच में पता चला है कि दोनों की मुंह दबाकर हत्या की गई है, पुलिस को घर में सामान और जेवर बिखरे मिले हैं जिससे ये अंदाजा लगाया जा रहा है कि घटना लूट के इरादे से की गई है। 

Atul Saxena
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Gwalior Murder

Gwalior News : ग्वालियर के जीवाजी विश्वविद्यालय थाना क्षेत्र में गार्डन होम्स सोसायटी के एक फ़्लैट में रहने वाली माँ बेटी के शव मिलने से सनसनी फ़ैल गई, घटना की सूचना पर ग्वालियर आईजी और ग्वालियर एसपी सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी घटना स्थल पर पहुंचे, पुलिस को घटना स्थल पर सामान और जेवर बिखरे हुए मिले हैं,पुलिस ने लूट की संभावना से इंकार नहीं किया है, सभी एंगल से जांच जारी है।

गार्डन होम्स के फ़्लैट नंबर 322 में रहने वाली 56 साल की रीना भल्ला किराना स्टोर चलाती थी, वे अपनी 81 साल की माँ इंदु पुरी के साथ रहती थी, रीना मल्टी में किराने का सामान भी बेचती थी, आज जब ये दिखाई नहीं दी तो लोगों ने तलाश की, अन्दर दोनों का शव देखकर पड़ोसी सहम गए और पुलिस को सूचना दी।

IG और SP घटना स्थल पर 

डबल मर्डर की सूचना मिलते ही विश्वविद्यालय थाना पुलिस मौके पर पहुंची , घटना की गंभीरता को समझते हुए आईजी अरविंद कुमार सक्सेना और एसपी धर्मवीर सिंह भी गार्डन होम्स पहुंचे, पुलिस ने डॉग स्क्वाड, एफएसएल डॉ अखिलेश भार्गव को भी बुलाया और शव की पड़ताल की।

बुजुर्ग माँ और बेटी का मुंह दबाकर Murder

पुलिस को माँ बेटी के शव पलंग पर पड़े मिले, शुरूआती जाँच में पता चला है कि दोनों की मुंह दबाकर हत्या की गई है, पुलिस को घर में सामान और जेवर बिखरे मिले हैं जिससे ये अंदाजा लगाया जा रहा है कि घटना लूट के इरादे से की गई है हालाँकि पुलिस अन्य सभी एंगल पर भी जाँच कर रही है।

ग्वालियर से अतुल सक्सेना की रिपोर्ट 


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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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