नशा मुक्ति केंद्र संचालक ने साथियों के साथ मिलकर एक परिवार के साथ मारपीट व लूट की, बंधक बनाया, 10 लाख रुपये भी मांगे

Gwalior News

Gwalior News : विधानसभा चुनावों में पुलिस की पैनी नजर के बावजूद बीती रात एक बड़ी और गंभीर घटना ग्वालियर में सामने आई है, नशा मुक्ति केंद्र संचालित करने वाले व्यक्ति ने अपने आठ नौ साथियों के साथ एक घर में घुसकर महिला पुरुषों के साथ मारपीट की , लूटपाट की, और फिर घसीटकर अपने केंद्र में लाकर एक कमरे में बंद कर दिया और बहुत पीटा, पीड़ितों के मुताबिक बदमाशों ने फायरिंग भी की और उनसे 10 लाख रुपये मांगे।

नशा मुक्ति केंद्र संचालक ने साथियों के साथ मिलकर एक परिवार के साथ मारपीट व लूट की, बंधक बनाया, 10 लाख रुपये भी मांगे

गोला का मंदिर थाना क्षेत्र की नारायण विहार कालोनी में संतोष त्यागी ने बताया कि बीती रात करीब ढाई बजे आठ नौ लोगों ने गेट बजाया और फिर घर में घुस गए, उनके हाथों में पिस्टल थी, इन लोगों ने घुसते की मारपीट शुर कर दी जिसके पास जो कुछ था सब लूट लिया और घसीटते हुए नशा मुक्ति केंद्र में ले आये और फिर कमरे इमं बंद कर रात भर मारा पीटा , पीड़ित ने बताया कि हमसे 10 लाख रुपये मांगे और एक कागज पर जबरन लिखवा लिया कि मैंने उधार लिए थे लौटा नहीं पाया इसलिए अपना मकान इनके नाम कर रहा हूँ।

पीड़िता पुष्पा त्यागी ने आरोप लगाते हुए कहा कि जॉनी राजावत नशा मुक्ति केंद्र चलाता है खुद नशा करता है और गुंडागर्दी करता है , 9 लोगों ने हमें मारा पीटा, हम लोग मुश्किल से जान बचा पाए है, किसी ने गोला का मंदिर थाने को सूचना दी तब पुलिस ने आकर इन लोगों को मुक्त कराया।

एडिशनल एसपी ऋषिकेश मीणा ने कहा कि मामला बहुत गंभीर है, गोला का मंदिर थाना क्षेत्र में आरोग्यम नशा मुक्ति केंद्र के संचालक प् र्गाम्भिर आरोप लगाये हैं, पुलिस इसकी गंभीरता से जांच कर रही है , पुलिस नशा मुक्ति केंद्र की जांच कर रही है कि नियमानुसार चल रहा है कि नहीं , इसका संचालक फरार है , संचालक के पिता की भूमिका भी संदिग्ध है, चूँकि यहाँ 26 लड़के इलाजरत है इसलिए पुलिस बारीकी से जाँच कर रही है, अभी कुछ लोगों को पूछताछ के लिए बैठा लिया है , जल्दी ही गिरफ़्तारी भी होगी।

नशा मुक्ति केंद्र संचालक ने साथियों के साथ मिलकर एक परिवार के साथ मारपीट व लूट की, बंधक बनाया, 10 लाख रुपये भी मांगे

ग्वालियर से अतुल सक्सेना की रिपोर्ट 


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Atul Saxena

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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ.... पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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