MP Election 2023 : ज्योतिरादित्य सिंधिया ने प्रभात झा से बंद कमरे में की चर्चा, सियासी पारा चढ़ा

MP Election 2023 : केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने पूर्व राज्यसभा सांसद, RSS से जुड़े भाजपा के वरिष्ठ नेता प्रभात झा से उनके निवास पर मुलाकात की, सिंधिया ने प्रभात झा के परिवार से मुलाक़ात को और साथ में भोजन भी किया फिर बंद कमरे में दोनों नेताओं ने बहुत देर तक काफी देर चर्चा की, दोनों के बीच क्या बात हुई य ईटीओ पता नहीं चल सका लेकिन इस मुलाकात ने सियासी पारा जरूर चढ़ा दिया है।

सिंधिया – प्रभात झा मुलाकात से बढ़ी सियासी गर्माहट 

मप्र की राजनीति में ज्योतिरादित्य सिंधिया एक ऐसा नाम है जो सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों के केंद्र में हमेशा से रहा है, बात यदि ग्वालियर चम्बल की हो तो सिंधिया को सबसे बड़ा और प्रभावी नाम कहा जाये तो अतिश्योक्ति नहीं होगी, ऐसे में सिंधिया जिस तरह ग्वालियर चम्बल संभाग में नेताओं से मुलाकत कर रहे हैं उससे कांग्रेस में ही नहीं भाजपा में भी खलबली है।

2018 के विधानसभा चुनाव में प्रभात झा ने खोला था सिंधिया के खिलाफ मोर्चा 

राजनीति में दिलचस्बी रखने वाले जानते हैं कि 2018 के विधानसभा चुनाव में प्रभात झा ने ज्योतिरादित्य सिंधिया के खिलाफ मोर्चा खोला था, ग्वालियर से लेकर भोपाल तक उन्होंने कई प्रेस कांफ्रेस कर सिंधिया पर हमले किये थे और उनपर जमीन कब्जाने के गंबीर आरोप भी लगाये थे लेकिन आब हालात अलग हैं, सिंधिया के कारण ही भाजपा को सत्ता वापस मिली तो प्रभात झा के सुर भी बदले हुए हैं।

सिंधिया ने प्रभात झा के परिवार से बताया तीन पीढ़ी पुराना रिश्ता 

मुलाकात के सवाल पर ज्योतिरादित्य सिंधिया ने प्रभात झा के परिवार के साथ पुश्तैनी रिश्ता बता दिया, तीन पीढ़ियों कस अम्बन्ध है , बहुत दिनों से मेरे मन भी उत्सुकता थी, उनके मन में भी मुलाकात की उत्सुकता थी तो आज वो सपना साकार हुआ है, हमने 90 दिन के सदुपयोग पर सार्थक चर्चा की है।

प्रभात झा बोले – सहज भेंट थी, चुनाव का समय है चुनावी चर्चा हुई है 

प्रभात झा से जब मीडिया ने सवाल किया कि आप दोनों धुर विरोधी रहे हैं गिले शिकवे रहे हैं ? इस पर प्रभात झा ने कहा कि मैंने पहले भी कहा है कि वैचारिक सहोदर हो जाता है तो उसी दिन शिकवा शिकायत खत्म हो जाते हैं, चुनाव हैं तो चुनाव की बातें ही होंगी , वे आये नहीं थे उन्होंने कहा कि मैं घर आना चाहता हूँ , मैंने कहा कि घर आएंगे तो भोजन भी करेंगे, तो सहज भेंट थी, चुनाव में पार्टी कैसे जीते इस पर चर्चा हुई है।

झा ने वन नेशन वन इलेक्शन को बताया विकास का पर्याय 

प्रभात झा ने वन नेशन वन इलेक्शन को बहुत अच्छा बताया उन्होंने कहा कि एक महीने में कॉलेज से लेकर संसद का चुनाव हो जाना चाहिए ये थ्योरी है इसके पीछे, इससे नागरिकों का समय बचेगा, लोगों की परेशानी बचेगी, राष्ट्र की उन्नति होगी, प्रदेश का विकास होगा।

बहरहाल राजनीति भी अजब खेल खेलती है, कब क्या हो जाए कोई नहीं जानता, कब विरोधी दोस्त हो जाये और दोस्त विरोधी हो जाएँ कहना मुश्किल है, अब ऐसे में सिंधिया-प्रभात झा मुलाकात ने कांग्रेस सहित भाजपा में भी खलबली मचा दी है, देखना होगा इसका चुनावों पर क्या असर होता है?

ग्वालियर से अतुल सक्सेना की रिपोर्ट 


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Atul Saxena

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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ.... पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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