आंगनवाड़ी मे अंडा देने पर अड़ी MP की मंत्री, कहा- कोई कुछ भी बोले, हमें फर्क नही पड़ता

Pooja Khodani
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ग्वालियर, अतुल सक्सेना । मध्यप्रदेश (MP) में एक बार फिर अंडे पर पॉलिटिक्स (Politics on eggs) शुरू हो गई है। अभी महिला एवं बाल विकास विभाग की मंत्री (Minister of Women and Child Development Department) ने घोषणा भर की है सरकार ने इसे लागू नहीं किया है बावजूद इसके अभी से अंडे पर पॉलिटिक्स शुरू हो गई है। पार्टी के अंदर ही नेता दबी जुबान से इसका विरोध कर रहे हैं। इसके अलावा जैन समाज (Jain society) भी अंडे बांटे जाने के विरोध में आ गया है ।

मध्यप्रदेश को कुपोषण मुक्त (Malnutrition free) करने का संकल्प ले चुकी महिला एवं बाल विकास मंत्री इमरती देवी (Imarti Devi) हर हाल में बच्चों का स्वास्थ्य ठीक करना चाहती हैं इसके लिए उन्होंने आंगनबाड़ी में बच्चों को अंडा देने की योजना बनाई है और घोषणा की है कि जल्दी ही जो बच्चा अंडा खाता है उसे अंडा दिया जायेगा और जो नहीं खाता उस सेव या केला जैसा फल दिया जायेगा लेकिन बच्चों को कुपोषित से सुपोषित बनाया जायेगा।

पत्रकारों से बता करते हुए उन्होंने कहा कि मैंने खुद महाराष्ट्र सहित अन्य राज्यों में जाकर देखा है कि वहाँ 2013-2014 से आंगनबाड़ी में बच्चों को अंडा दिया जा रहा है। उन्होंने ये भी कहा कि मैंने खुद बच्चों के बड़े बड़े डॉक्टरों से बात की है वे भी बच्चों की सेहत के लिए अंडा फायदेमंद बताते हैं। इस तरह सभी बातों को ध्यान में रखकर अंडा देने की योजना बनाई जा रही है। मैंने कांग्रेस की सरकार में भी इसकी घोषणा की थी उस समय कुछ लोगों ने विरोध किया लेकिन मैं फिर भी इसे लागू करूँगी। मैं इसके लिए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से बात करूँगी। मंत्री इमरती देवी से जब पत्रकारों ने सवाल किया कि पिछली सरकार में जब आपने इसकी घोषणा की थी तब भाजपा ने ही विरोध किया था अभी भी कुछ नेता दबी जुबान से विरोध कर रहे हैं। तो मंत्री ने कहा कि कहीं कोई विरोध नहीं हैं। मेरी भी कोई जिम्मेदारी है मैं उस विभाग की मंत्री हूँ मुझे मेरे प्रदेश को सुपोषित बनाना है। प्रदेश से कुपोषण का कलंक मिटाना है अब “जो विरोध करे हमाओ सो करत रहे, हमें काउ से फरक नई पड़त”।

जैन समाज ने भी किया विरोध का एलान

उधर आंगनबाड़ी के बच्चों को अंडा बांटने की योजना लागू होने से पहले ही विवादों में आ गई है। मंत्री इमरती देवी की अंडा देने की घोषणा के बाद जैन समाज इसके विरोध में आ गया है। जैन समाज का कहना है कि शाकाहार बच्चों में अच्छे संस्कार देता है लेकिन मंत्री जी बचपन से ही बच्चों को मांसाहार खिलाकर उनके संस्कार खराब करना चाहती हैं। जैन समाज के प्रवक्ता सचिन जैन ने कहा कि आंगनबाड़ी में सभी समाज के बच्चे पढ़ते हैं इसलिए कोई भी योजना सभी का ध्यान रखते हुए लागू करनी चाहिए । उन्होंने कहा कि जैन समाज के संत भी हमेशा से शाकाहार की बात करते हैं। इसलिए यदि अंडा दिया जाएगा तो इसका विरोध किया जायेगा।

 


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खबर वह होती है जिसे कोई दबाना चाहता है। बाकी सब विज्ञापन है। मकसद तय करना दम की बात है। मायने यह रखता है कि हम क्या छापते हैं और क्या नहीं छापते। "कलम भी हूँ और कलमकार भी हूँ। खबरों के छपने का आधार भी हूँ।। मैं इस व्यवस्था की भागीदार भी हूँ। इसे बदलने की एक तलबगार भी हूँ।। दिवानी ही नहीं हूँ, दिमागदार भी हूँ। झूठे पर प्रहार, सच्चे की यार भी हूं।।" (पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर)

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