ग्वालियर, अतुल सक्सेना। मप्र नगरीय निकाय चुनाव (MP Urban Body Elections) में कुछ दिन बाद मतदान होगा, इस बीच बहिष्कार जैसे घोषणाएं भी शुरू होने लगी है।ग्वालियर में आज सोमवार को यादव समाज के प्रतिनिधियों ने घोषणा की कि भाजपा ने नगर निगम चुनावों में उनके समाज की उपेक्षा की है इसलिए वे चुनावों में भाजपा के प्रत्याशी का बहिष्कार करेंगे (Yadav Samaj announces boycott of BJP) और दूसरे जीतने वाले उम्मीदवार को वोट देंगे।
यादव यदुवंशी सभा राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं कांग्रेस नेता रुपेश यादव ने आज ग्वालियर (Gwalior News) के होटल में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि भाजपा ने यादव समाज की उपेक्षा की है , भाजपा को 66 वार्ड में एक नेता यादव समाज का ऐसा नहीं मिला जिसे प्रत्याशी बनाया जा सके , इससे पता चलता है कि भाजपा को हमारे समाज के वोटों की जरुरत नहीं है इसलिए हम भाजपा का बहिष्कार कर रहे हैं।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अरुण यादव के करीबी रुपेश यादव ने कहा कि हमने 20 लोगों की एक टीम बनाई है जो हर वार्ड में सर्वे करेगी और मतदान वाले दिन समाज के मतदाता के वोट भाजपा के विरुद्ध चुनाव लड़ने वाले उस उम्मीदवार को जायेंगे जो जीतने वाला प्रत्याशी होगा।
उधर यादव समाज के इस बहिष्कार को भाजपा गंभीरता से नहीं ले रही, भाजपा (BJP Madhya Pradesh) के प्रदेश प्रवक्ता आशीष अग्रवाल ने कांग्रेस के कुछ लोग यादव समाज बैनर लगाकर प्रेस कॉन्फ्रेंस करें तो इसे यादव समाज का प्रतिनिधित्व नहीं माना जा सकता है, उन्होंने कहा कि कांग्रेस समाजवाद को बाँट रही है, जब भाजपा विकास की बात करती है तो कांग्रेस जातियों में बांटने का काम करती है। भाजपा नेता ने कहा कि जनता बहकावे में नहीं आयेगी, ये कांग्रेस की बी टीम है, इसका कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा।
उधर कांग्रेस यादव समाज के बहिष्कार में अपना लाभ देख रही है। कांग्रेस (MP Congress) के प्रदेश प्रवक्ता आरपी सिंह ने कहा कि सभी समाज का प्रतिनिधित्व होना चाहिए, यदि समाज विशेष की बात है तो भाजपा में तो सिर फुटव्वल है। उन्होंने कहा कि यदि कोई भी समाज किसी राजनीतिक दल का बहिष्कार करता है तो ये दुर्भाग्य की बात है, इसका लाभ कांग्रेस को चुनावों में जरूर मिलेगा।
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Atul Saxena
पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....
पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....