ग्वालियर में वक्फ़ संशोधन बिल के समर्थन में आये मुस्लिम समाज के लोग, मोदी जिंदाबाद, BJP जिंदाबाद के नारे लगाये

वक्फ़ संशोधन बिल पर चर्चा जारी है उधर इस पर रिएक्शन भी जारी है, मुसलमानों के एक वर्ग जो कांग्रेस के साथ है वो इसके समर्थन में है लेकिन जो लोग गरीब मुसलमानों और दलित मुसलमानों की बात करते है वो मुसलमान इस बिल के और भाजपा के समर्थन में है

Waqf Amendment Bill : वक्फ़ संशोधन बिल को लेकर आज मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में मुसलमान समाज की महिलाओं और पुरुषों ने जश्न मनाया उन्होंने बिल का समर्थन करते हुए थैंक्यू मोदी जी कहा वहीं ग्वालियर में भी कुछ ऐसा ही नजारा देखने को मिला यहाँ भी बिल के समर्थन में आये मुस्लिम समाज के लोगों ने मोदी जिंदाबाद और भाजपा जिंदाबाद के नारे लगाये।

मोदी सरकार ने बहु प्रतीक्षित वक्फ़ संशोधन बिल आज लोकसभा में पेश कर दिया, मंत्री किरेन रिजिजू ने बिल के विषय में  पूरी जानकारी सदस्यों के सामने राखी और कहा कि कुछ लोग इसे लेकर भ्रम फैला रहे हैं लेकिन ये बिल बक्फ़ संपत्तियों कब्ज़ा रोकने के लिए जाया जा रहा है।

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इस बिल को लेकर पूरे देश में अलग अलग प्रतिक्रिया सामने आ रही है, मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में मुसलमान महिलाओं और पुरुषों में बिल का समर्थन करते हुए ढोल नगाड़ों पर डांस कर जश्न मनाया और प्रधानमंत्री मोदी को धन्यवाद दिया उन्होंने कहा ये बिल हमारे हितों की रक्षा करेगा।

मुसलमान समाज ने लगाये BJP जिंदाबाद, मोदी जिंदाबाद के नारे 

उधर ग्वालियर में भी कुछ ऐसी ही प्रतिक्रिया सामने आई ग्वालियर में फूलबाग चौराहे पर मुस्लिम समाज के लोग इकट्ठा हुए उनके हाथ में पोस्टर्स थे जिनपर लिखा था आई सपोर्ट वक्फ़ बिल, ये लोग भाजपा जिंदाबाद, मोदी जिंदाबाद, वी सपोर्ट वक्फ़ बिल जैसे नारे लगा रहे थे।

अतिक्रमण की गई संपत्तियां अब कब्जे से बाहर होंगी

बिल के समर्थन में प्रदर्शन करने वाले लोगों ने कहा वक्फ़ की संपत्तियों पर आज कुछ बड़े लोगों का कब्ज़ा है वे उसका लाभ ले रहे है अब वो संपत्तियां कब्जे से बाहर होंगी, प्रदर्शन का नेतृत्व करने वाले एमपी वक्फ़ बोर्ड  के ग्वालियर जिला अध्यक्ष तहसील खान पठान ने कहा ये संशोधन बिल निश्चित तौर पर मुस्लिम समाज के लिए फायदेमंद होगा ।

ग्वालियर से अतुल सक्सेना की रिपोर्ट 


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Atul Saxena

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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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