ग्वालियर, अतुल सक्सेना। उदयपुर में कन्हैया लाल की तालिबानी तरीके से की हत्या (Taliban killing in Udaipur से राजस्थान सहित पूरे देश के लोगों में गुस्सा है। मध्य प्रदेश (MP News) में भी इस नृशंस हत्या के खिलाफ आक्रोश है। सरकार ने जनता से शांति और भाई चारा बनाये रखने की अपील की है, उधर मध्य प्रदेश के गृह मंत्री डॉ नरोत्तम मिश्रा ने कांग्रेस की गहलोत सरकार पर हमला बोलते हुए इस्तीफा मांगा है।
नगरीय निकाय चुनाव में पार्टी प्रत्याशियों के लिए बैठक लेने और प्रचार के लिए ग्वालियर (Gwalior News) पहुंचे गृह मंत्री डॉ नरोत्तम मिश्रा ने उदयपुर में हुई घटना को पीड़ादायक और हृदय विदारक बताया। उन्होंने कहा कि कुछ सिरफिरों ने तुष्टिकरण की नीति के कारण उदयपुर में यह हृदय विदारक घटना को दिया अंजाम है।
नरोत्तम मिश्रा ने आरोप लगाते हुए कहा कि कांग्रेस जो तुष्टिकरण की राजनीति करती है ये उसका ही परिणाम है। जैसी घटनाएं केरल, पश्चिम बंगाल और जम्मू-कश्मीर में होती थीं, वैसी तालिबानी घटना राजस्थान में हुई है। ये कट्टरपंथ राजस्थान में तुष्टिकरण की कांग्रेस की नीति से हावी हो रहे हैं।
उन्होंने कहा की ऐसी घटना की जितनी निंदा की जाए इस घटना की उतनी कम है, राजस्थान के दंगे देख लें आप, हिंदुओं को टारगेट करके उनके ऊपर हमला किया जाता है और उसी का परिणाम है कि गहलोत सरकार ने इन उग्रवादियों और अतिवादियों के सामने घुटने टेक दिए हैं।
मध्य प्रदेश के गृह मंत्री डॉ नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि यदि आप नियंत्रण नहीं रख सकते तो ऐसे मुख्यमंत्री को रहने अधिकार नहीं है अशोक गहलोत को इस्तीफा दे देना चाहिए। राजस्थान के मंत्री प्रसादी लाल मीणा द्वारा उदयपुर मामले के लिए भाजपा को जिम्मेदार ठहराए जाने पर पलटवार करते हुए नरोत्तम मिश्रा ने कहा – और क्या कह सकते हैं वे अपनी सरकार के बचाव में आप ही सोचिए, सरकार उनकी है, कार्रवाई उनको करना है जिम्मेदार हम हैं, अगर उनको लग रहा है भाजपा का कोई नाम है तो उसको गिरफ्तार करें ना, उजागर करें ना, एक जिम्मेदार आदमी इस तरह की बात कल्पनाओं पर आधारित बातें बोल रहा है, कल्पनाओं के स्वर्ग में विचरण करना कांग्रेस की पुरानी संस्कृति है।
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Atul Saxena
पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....
पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....