मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव के स्पष्ट निर्देश हैं कि शासकीय कार्य में कोई भी लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी, जनता किसी भी काम के लिए परेशान नहीं होना चाहिए, मगर इन आदेशों का कुछ शासकीय सेवकों पर असर नहीं होता, वे जनता को तो परेशान करते ही है साथ ही न्यायालय को भी गुमराह करने से घबराते नहीं है, ऐसी ही एक लापरवाही पटवारी को भारी पड़ी है और एसडीएम ने उसे निलंबित कर दिया है।
मामला ग्वालियर जिले की भितरवार तहसील में रहने वाले एक अनुसूचित जाति के व्यक्ति के जाति प्रमाणपत्र से जुड़ा है, निलंबन आदेश में भितरवार एसडीएम संजीव कुमार जैन ने जाति प्रमाणपत्र बनाने के लिए आदेशित किये गए ग्राम चरखा के पटवारी राकेश राजपूत की लापरवाही के बारे में उल्लेखित किया है।
एसडीएम ने अपने आदेश में बताया कि आवेदक ब्रजमोहन जाटव ने 17 मई को जाति प्रमाणपत्र बनाने के लिए तहसील में आवेदन दिया जिसकी जाँच की जिम्मेदारी पटवारी राकेश राजपूत को दी गई, उन्होंने जो जाँच प्रतिवेदन बनाया उसमें लिखा कि ग्राम वासियों ने बताया कि ब्रजमोहन यहाँ नहीं रहता ग्वालियर रहता है इसलिए आवेदक का जाति प्रमाणपत्र भितावर से नहीं ग्वालियर से बनेगा, उसक आवेदन निरस्त किये जाने योग्य है।
जाँच में पटवारी की जाँच रिपोर्ट झूठी निकली
आज राजस्व निरीक्षक सुरेश नागर को ग्राम चरखा भेजा गया और निर्देश दिए गए कि आवेदक के बारे में सूक्ष्मता से जांच करें , आरआई नागर ने जो जांच प्रतिवेदन प्रस्तुत किया उसमें उन्होंने बताया कि आवेदक का गांव में पुराना जीर्ण शीर्ण मकान बना है तथा मोहल्ला वालों ने बताया गया कि बृजमोहन जाटव के पूर्वज सन 1950 के पूर्व से ग्राम में निवास करते है एवं इनकी जाति जाटव है ये पिछले 7 वर्षों से मजदूरी करने ग्वालियर जाते है और ग्राम में आते हैं।
RI की रिपोर्ट के आधार पर पटवारी निलंबित
राजस्व निरीक्षक ने जो प्रतिवेदन दिया उसमें पटवारी की हरकत पकड़ में आ गई,पटवारी राकेश राजपूत द्वारा एसडीएम न्यायालय को गुमराह कर झूठ व मिथ्या रिपोर्ट प्रस्तुत की गई तथा म.प्र. लोक सेवा गारंटी अधिनियम 2010 के नियमों के पालन नहीं किया गया। उसके इस कृत्य को शासकीय कार्य में घोर लापरवाही एवं अनुशासनहीनता माना गया और निलंबित कर दिया गया।
एसडीएम कार्यालय में किया अटैच
एसडी एम ने अपने आदेश में कहा कि पटवारी राकेश राजपूत के निलंबन के बाद ग्राम चरखा का प्रभार ग्राम सासन, घाटमपुर के पटवारी मनोज नरवरिया को अतिरिक्त चार्ज के रूप में दिया जाता है। निलंबन अवधि में राजपूत का मुख्यालय कार्यालय, तहसील भितरवार होगा।





