ग्वालियर, अतुल सक्सेना। केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य के दौरे पर पिछले दिनों पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं उनके पिता माधव राव सिंधिया की तस्वीर को भाजपा द्वारा ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ लगाए जाने और उसी दिन कांग्रेस नेता पूर्व मंत्री सज्जन वर्मा के दौरे पर माधव राव सिंधिया नहीं लगाए जाने पर सवाल उठे थे कि आखिर माधव राव सिंधिया किसके हैं? लेकिन आज की तस्वीर कुछ अलग थी।
पूर्व केंद्रीय मंत्री माधव राव सिंधिया की आज गुरूवार को 20 वीं पुण्यतिथि (Death Anniversary Of Madhav Rao Scindia) है। शहर के लोग उनकी समाधि पर पुष्पांजलि अर्पित करने पहुँच रहे हैं लेकिन उनकी समाधि पर उस समय स्थिति अजीब हो गई जब भाजपा (BJP) और कांग्रेस (Congress) के नेता आमने सामने आ गए। दोनों नेताओं का मानना था कि माधव राव सिंधिया उनके नेता है।
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दरअसल कैलाशवासी माधव राव सिंधिया की 20 पुण्यतिथि पर कांग्रेस ने हर साल की तरह आज भी प्रभात फेरी निकाली और कटोरा ताल रोड स्थित उनकी समाधि पर पुष्पांजलि अर्पित की। उधर ज्योतिरादित्य सिंधिया के भाजपा में जाने के बाद उनके बहुत से समर्थकों ने कांग्रेस छोड़ दी थी और भाजपा में चले गए, वे लोग और अन्य भाजपा नेता भी छत्री पहुंचे और पुष्पांजलि अर्पित की और यहीं वे आमने सामने आ गए।
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सिंधिया की छत्री पर कांग्रेस जिला अध्यक्ष डॉ देवेंद्र शर्मा और भाजपा नेता अशोक शर्मा का आमना सामना हो गया। दोनों माधव राव सिंधिया को लेकर बातें करने लगे और उनके विकास कार्यों की तारीफ करने लगे। अशोक शर्मा पहले कांग्रेस में थे और ज्योतिरादित्य सिंधिया के भाजपा में आने के बाद भाजपा में शामिल हो गए। भाजपा नेता अशोक शर्मा ने इस दौरान कांग्रेस जिला अध्यक्ष डॉ देवेंद्र शर्मा को न्यौता दिया कि देश की मुख्य धारा में आ जाओ, भाजपा जॉइन कर लो, जवाब में कांग्रेस जिला अध्यक्ष बोले कांग्रेस ही देश की मुख्य धारा है, माधवराव जी ने भी हमेशा यही कहा था और इतना कहकर वे आगे बढ़ गए।
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हालाँकि दोनों ही दलों के नेताओं का मानना था पूर्व केंद्रीय मंत्री माधव राव सिंधिया किसी भी दलगत राजनीति से ऊपर थे उन्होंने शहर और ग्वालियर चम्बल अंचल के विकास के लिए बहुत काम किये इसीलिए लोग उन्हें विकास का मसीहा मानते थे।