ग्वालियर के सभी नर्सिंग कॉलेजों का होगा भौतिक सत्यापन, राज्य स्तरीय दल के सहयोग के लिए कलेक्टर ने नियुक्त किये अधिकारी

कलेक्टर ने बताया निरीक्षण दल को नर्सिंग संस्थाओं के पते को ढूंढने और वहां पर पहुँचने में भी कठिनाई आती है। इस कठिनाई को दूर करने के उद्देश्य से जिला स्तर से हर दल के साथ अधिकारियों की ड्यूटी लगाई गई है।

Atul Saxena
Published on -
nursing
Gwalior News : नर्सिंग कॉलेजों का फर्जीवाड़ा सामने आने के बाद मामला उच्च न्यायालय पहुँचने के बाद अब मध्य प्रदेश में संचालित सभी नर्सिंग कॉलेजों का भौतिक सत्यापन हो रहा है जिससे ये पता चल सके कि वे नर्सिंग काउंसिल की मान्यता की शर्तों को पूरा करते हैं कि नहीं? ग्वालियर के सभी नर्सिंग कॉलेजों का भौतिक सत्यापन किया जा है इसके लिए कलेक्टर श्रीमती रुचिका चौहान ने राज्य स्तरीय दल के सहयोग के लिए स्थानीय अधिकारियों की ड्यूटी लगाई है जो उस दल के साथ मौजूद रहेंगे
उच्च न्यायालय द्वारा नर्सिंग कॉलेजों को शैक्षणिक सत्र 2024-25 के लिए मान्यता देने के संबंध में दिए गए निर्देशों के अनुपालन में राज्य शासन के लोक स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग द्वारा ग्वालियर जिले की 25 नर्सिंग संस्थाओं के भवन एवं जमीन के दस्तावेजों का भौतिक सत्यापन के लिए अलग-अलग दल गठित किए हैं। कलेक्टर श्रीमती रुचिका चौहान ने इन दलों के सहयोग के लिए प्रत्येक दल के साथ स्थानीय स्तर से एक-एक अधिकारी की ड्यूटी लगाई है। गजराराजा चिकित्सा महाविद्यालय के अधिष्ठाता को इस संपूर्ण कार्यवाही और समय पर जाँच प्रतिवेदन भेजने के लिए नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है।

Collector ने तहसीलदार और निगम इंजीनियर्स की ड्यूटी लगाई

कलेक्टर श्रीमती चौहान ने शहरी क्षेत्र में स्थित नर्सिंग कॉलेजों के लिए नगर निगम के उप यंत्री और जोनल अधिकारी, जबकि ग्रामीण क्षेत्र के लिए तहसीलदार एवं नायब तहसीलदार को इस कार्य में लगाया गया है। उन्होंने नगर निगम आयुक्त को निर्देश दिए हैं कि नर्सिंग महाविद्यालयों के सत्यापन में लगे अधिकारी-कर्मचारियों को कार्य में पूरी गंभीरता के साथ सहयोग करने के लिये निर्देशित करें।

कॉलेजों का पता और उनकी लोकेशन तक पहुँचाने में मदद करेंगे Local officers

 कलेक्टर द्वारा जारी किए गए आदेश में उल्लेख किया गया है कि कुछ नर्सिंग संस्थाओं द्वारा छद्म दस्तावेज भी उपलब्ध कराए जाते हैं। साथ ही नर्सिंग कॉलेज सामान्यत: जियो लोकेशन से किसी अन्य क्षेत्र अथवा दूरस्थ इलाकों में भी स्थापित किए जाते हैं। इस कारण निरीक्षण दल को नर्सिंग संस्थाओं के पते को ढूंढने और वहां पर पहुँचने में भी कठिनाई आती है। इस कठिनाई को दूर करने के उद्देश्य से जिला स्तर से हर दल के साथ अधिकारियों की ड्यूटी लगाई गई है। राज्य स्तर से नर्सिंग कॉलेजों की जांच व भौतिक सत्यापन के लिए आवश्यक बिंदु निर्धारित किए गए हैं । साथ ही एक फॉर्मेट भी उपलब्ध कराया गया है।

About Author
Atul Saxena

Atul Saxena

पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

Other Latest News