Gwalior News : पुलिस चैक कर रही बस ड्रायवर कंडक्टर की वर्दी, नहीं दिख रही जाम लगाती बसें  

ग्वालियर, अतुल सक्सेना। ग्वालियर पुलिस (Gwalior Police) आपराधिक घटनाओं, नशे के सौदागरों, अवैध हथियार तस्करों के खिलाफ के खिलाफ प्रभावी कार्रवाई कर रही हैं और इसके लिए वरिष्ठ अधिकारियों की प्रशंसा भी मिलती है लेकिन पुलिस ऐसे लोगों पर से आंखें मूंदे रहती है जिनका अपराध समाज की एक बड़ी आबादी को परेशान करता है। बुधवार को एक ऐसा ही उदाहरण देखने को मिला, ग्वालियर ट्रैफिक पुलिस (Gwalior Traffic Police) बसों को रोक कर ये चैक कर रही थी कि बस के ड्रायवर और कंडक्टर वर्दी पहने हैं कि नहीं लेकिन पुलिस सड़कों पर जाम लगाने वाली बसों के खिलाफ कोई कार्रवाई करती नहीं दिखाई दी।

ग्वालियर ट्रैफिक पुलिस आज बुधवार को सड़कों पर बसों के खिलाफ एक अभियान चलाती दिखाई दी। डीएसपी ट्रैफिक नरेश अन्नोटिया बुधवार को बस स्टैंड पहुंचे और उन्होंने बसों को चैक करना शुरू किया।  डीएसपी ने बताया कि शिकायत मिल रही थी कि बस के ड्रायवर और कंडक्टर ना तो वर्दी पहनते हैं और ना ही नेमप्लेट लगाते हैं, महिलाओं के साथ भी बस में अभद्रता की शिकायत मिली है इसलिए पुलिस अधीक्षक अमित सांघी, एडिशनल एसपी हितिका वासल के निर्देश पर वादी नहीं पहनने और नेमप्लेट नहीं लगाने वाले ड्रायवर कंडक्टर के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है। डीएसपी ने बताया कि ऐसी ही कार्रवाई शहर में अन्य कई जगह ट्रैफिक पुलिस के अन्य अधिकारी कर रहे हैं।


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Atul Saxena

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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ.... पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....