कानून का पाठ पढ़ाने वालों ने तोड़े नियम तो भुगतनी पड़ी सजा, पढ़ें पूरी खबर

Atul Saxena
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Gwalior News : पुलिस का काम है कानून का पाठ पढ़ाना, उसका पालन कराना और फिर जो नियम कानून का उल्लंघन करे उसके खिलाफ एक्शन लेना, लेकिन यदि पुलिस ही ऐसा करे तो क्या ? इसका जवाब ये है कि अब पुलिस को भी इसकी सजा मिलेगी, ग्वालियर में आज ऐसा ही हुआ, नीचे खबर में हम आपको पूरी डिटेल बताते हैं ….

ग्वालियर में इस समय यातायात सप्ताह चल रहा है। ग्वालियर पुलिस लोगों को उनकी सुरक्षा से सम्बंधित यातायात के नियम समझा रही है और जो वाहन चालक हेलमेट लगाकर, सीट बेल्ट लगाकर वाहन चला रहे हैं उनको गुलाब का फूल देकर आभार भी जता रही है।

कानून का पाठ पढ़ाने वालों ने तोड़े नियम तो भुगतनी पड़ी सजा, पढ़ें पूरी खबर

ग्वालियर पुलिस ने शहर के चौराहों पर जनता को खासकर वाहन चालकों को यातायात के नियमों का पाठ पढ़ाया, जो लोग नियमों का पालन कर वाहन चलाते मिले उन्हें सम्मानित किया और जो लोग नियमों को तोड़ रहे थे उनको कहीं समझाइश दी गई तो कहीं उनके खिलाफ चालानी कार्यवाही भी की गई।

 

कानून का पाठ पढ़ाने वालों ने तोड़े नियम तो भुगतनी पड़ी सजा, पढ़ें पूरी खबर

इस दौरान ये देखा गया कि कानून का पाठ पढ़ाने वाले ही बहुत से लोग कानून का पालन नहीं कर रहे, यानि कई पुलिसकर्मी बिना हेलमेट के दो पहिया वाहन चला रहे हैं। ये जानकारी एसपी राजेश सिंह चंदेल तक पहुंची तो उन्होंने कानून के रखवालों को ही कानून का पाठ पढ़ाने के निर्देश दिए।

कानून का पाठ पढ़ाने वालों ने तोड़े नियम तो भुगतनी पड़ी सजा, पढ़ें पूरी खबर

एसपी साहब का निर्देश मिलते ही ट्रैफिक पुलिस के अफसर डीआरपी लाइन (पुलिस लाइन) पहुँच गए और फिर उन्होंने वहां बिना हेलमेट दो पहिया वाहन चला कर जा रहे पुलिसकर्मियों को रोका, उन्हें फटकार भी लगाई और फिर उनके चालान बनाकर जुर्माना भी वसूला।

नियमों का पालन करना सभी के लिए जरूरी : एसपी 

एसपी राजेश सिंह चंदेल ने कहा कि नियम कानून का पालन करना सबकी जिम्मेदारी है, उन्होंने कहा कि आंकड़े बताते हैं कि सड़क दुर्घटना में अधिक मौतें उन लोगों की होती हैं जो बिना हेलमेट पहने दो पहिया वाहन चलाते हैं, इसलिए इसके प्रति जागरूकता जरूरी है। हमें मालूम चला था कि हमारे कई पुलिसकर्मी भी बिना हेलमेट वाहन चलाते हैं तो आज उनके खिलाफ कार्यवाही की गई है जिससे वे खुद हेलमेट पहने और दूसरों को भी इसके प्रति जागरूक करें ।

ग्वालियर से अतुल सक्सेना की रिपोर्ट 


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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ.... पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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