राजनीति : भाजपा ने जहाँ किया सदस्यता ग्रहण समारोह, कांग्रेस ने किया गंगाजल से शुद्ध

Pooja Khodani
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ग्वालियर, अतुल सक्सेना

भारतीय जनता पार्टी (BJP) के तीन दिवसीय सदस्यता ग्रहण समारोह वाले आयोजन स्थलों को आज मंगलवार को कांग्रेस ने गंगाजल से शुद्ध किया। कांग्रेस (Congress) का कहना है कि शहर की जनता को कोरोना में झोंककर और गणेश पंडाल ना लगाकर अपने पंडाल लगाकर जो पाप भाजपा  ने किया है, शहर की जनता को उसके प्रकोप से बचाने के लिये हमने गंगाजल से उन स्थानों को शुद्ध किया है।

सिंधिया समर्थकों और कांग्रेस कार्यकर्ताओं को अपनी पार्टी में शामिल कराने के लिए भाजपा ने ग्वालियर में तीन दिवसीय सदस्यता ग्रहण समारोह आयोजित किया। कोरोना महामारी के दौरान आयोजित समारोह को कांग्रेस ने विनाशकारी बताया और कहा कि भाजपा विकास विरोधी है। उसके लिए व्यक्तिगत स्वार्थ सबसे ऊपर है। इसलिए उसने कोरोना काल में पूरे संभाग से लोगों को बुलाया और शहर के लोगों को कोरोना के संकट में डाला। कांग्रेस ने वरिष्ठ नेता एवं प्रदेश उपाध्यक्ष अशोक शर्मा के नेतृत्व में फूलबाग मैदान पर गंगा जल छिड़कने के बाद उसका शुद्धिकरण किया और ईश्वर से भाजपा को सद्बुद्धि देने की प्रार्थना की।

इस कार्यक्रम में शामिल युवा कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव मितेंद्र दर्शन सिंह ने कहा कि कोरोना संक्रमण चल रहा है ऐसे में सोशल डिस्टेंसिंग और मास्क लगाना जरूरी है लेकिन भाजपा ने भीड़ जुटाकर नियमों का उल्लंघन तो किया ही साथ ही शहर के लोगों को खतरे में डाला। जिला प्रशासन गणेश पंडाल लगाने की अनुमति नहीं दे सकता लेकिन भाजपा को हजारों की भीड़ जुटाने की अनुमति दे सकता है। इसलिए जब कांग्रेस ने शहर के लोगों का हित ध्यान में रखते हुए विरोध किया तो उस जेल में डाल दिया। भाजपा ने जो पाप किया हम उसे धो रहे हैं जिससे शहर की जनता सुरक्षित रहे। गौरतलब है 22,23 और 24 अगस्त को भाजपा ने ग्वालियर में फूलबाग मैदान, ग्वालियर व्यापार मेला फैसिलिटेशन सेंटर और फिजिकल कॉलेज, और वीनस बैंकट हॉल में सदस्यता ग्रहण समारोह आयोजित । जहां ग्वालियर चंबल संभाग के 8 जिलों के कार्यकर्ताओं को भाजपा की सदस्यता दिलवाई गई थी। भाजपा ने दावा किया है कि 76,361कांग्रेस कार्यकर्ता कांग्रेस छोड़कर भाजपा में आये हैं। बहरहाल भाजपा के इस आयोजन का कांग्रेस लगातार विरोध कर रही है।


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खबर वह होती है जिसे कोई दबाना चाहता है। बाकी सब विज्ञापन है। मकसद तय करना दम की बात है। मायने यह रखता है कि हम क्या छापते हैं और क्या नहीं छापते। "कलम भी हूँ और कलमकार भी हूँ। खबरों के छपने का आधार भी हूँ।। मैं इस व्यवस्था की भागीदार भी हूँ। इसे बदलने की एक तलबगार भी हूँ।। दिवानी ही नहीं हूँ, दिमागदार भी हूँ। झूठे पर प्रहार, सच्चे की यार भी हूं।।" (पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर)

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