मध्य प्रदेश में सरप्लस बिजली होने और 24 घंटे बिजली उपलब्ध करने के सरकारी दावों की जमीनी हकीकत कुछ और है, ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर का गृह जिला ग्वालियर ही बिजली कटौती से बेहाल है, उनकी विधानसभा से लेकर शहर के दूसरे क्षेत्रों के लोग बार बार होने वाले पॉवर कट से परेशान हैं तो ग्रामीण क्षेत्रों में बहुत बुरा हाल है, डबरा में तो कई इलाके ऐसे हैं जहाँ बिजली चली जाए तो कितने दिन बाद आयेगी कोई नहीं बता सकता, शिकायतों के बाद ऊर्जा मंत्री देर रात निरीक्षण पर निकले और उन्होंने एक लापरवाही मिलने पर एक जोन के सहायक यंत्री और एक उपयंत्री को तत्काल प्रभाव से निलंबित करने के निर्देश दिए।
सरप्लस बिजली, लगातार बिजली उत्पादन और नवाचार के लिए कई बार मुख्यमंत्री की प्रशंसा प्राप्त करने वाला मध्य प्रदेश का ऊर्जा विभाग प्रदेश की जनता की तारीफ नहीं बटोर पा रहा उसका कारण ये है कि जनता बिजली के लिए परेशान है, लंबे लंबे पॉवर कट, अघोषित कटौती, मेंटेनेंस के नाम पर कटौती ने तेज गर्मी में जनता बेहाल है, बिजली का फाल्ट सुधरने के बाद कब फिर ट्रिपिंग हो जाएगी यानि बिजली चली जाएगी कह नहीं सकते।

शिकायत मिलते ही देर रात निरीक्षण पर निकले ऊर्जा मंत्री
ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर को कल मंगलवार की रात उनकी विधानसभा के लोगों ने शिकायत की कि कुछ क्षेत्रों में बार-बार बिजली फाल्ट और ट्रिपिंग की समस्या उत्पन्न हो रही है, इससे गर्मी के मौसम ने लोगों को कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है। समस्या मालूम चलते ही मंत्री तोमर देर रात को ही औचक निरीक्षण करने निकल पड़े। इस दौरान उन्हें पाताली हनुमान क्षेत्र व तानसेन नगर जोन में विद्युत आपूर्ति बाधित मिली, इस पर उन्होंने नाराजगी जताई।
लापरवाही मिले पर सहायक यंत्री, उपयंत्री को निलंबित करने के निर्देश
ऊर्जा मंत्री को क्षेत्रीय नागरिकों ने शिकायत की कि पिछले करीब चार घंटे से क्षेत्र में बिजली गुल है। उन्होंने इस शिकायत को गंभीरता से लिया और सहायक यंत्री रोहित सिंह तथा उपयंत्री प्रताप चतुर्वेदी को तत्काल प्रभाव से निलंबित करने के निर्देश मौके पर मौजूद मुख्य अभियंता अमित श्रीवास्तव तथा अधीक्षण अभियंता नितिन मांगलिक को दिए।
शहर के कई क्षेत्रों का निरीक्षण किया, उपभोक्ताओं से फोन पर बात की
ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने इसके बाद फूलबाग, ट्रांसपोर्ट नगर, मोतीझील जोन व सिकन्दर कम्पू क्षेत्र का भी औचक निरीक्षण किया। उन्होंने शहर के सिकंदर कंपू क्षेत्र में ट्रिपिंग रजिस्टर देखा और अधिकारियों को विद्युत आपूर्ति सुचारू रखने के लिये दिशा-निर्देश दिए। मंत्री तोमर ने कॉल सेंटर में आई उपभोक्ताओं की शिकायतों की स्थिति की जानकारी भी ली। इस दौरान उन्होंने उपभोक्ताओं से मोबाइल फोन से बात की और बिजली संबंधी शिकायत का समाधान करने के लिए उन्हें आश्वास्त भी किया।
डबरा में कब लाइ चली जाए कब आ जाये कोई नहीं जानता
ग्रामीण क्षेत्रों में तो हालात और ख़राब हैं, जिले की एक बड़ी तहसील डबरा की बात करें तो करीब ढाई लाख की आबादी वाले क्षेत्र में बिजली कब चली जाये कब आ जाये कोई नहीं जानता, स्थानीय लोगों की माने तो यहाँ पदस्थ एई करीब तीन महीने से छुट्टी पर हैं, इसी तरह जेई भी लंबे समय से गायब हैं, इतनी बड़ी आबादी 15 कर्मचारियों के भरोसे हैं जिन्हें शिफ्ट के हिसाब से फ़ॉल्ट कॉल आते ही जाना पड़ता है और मेंटेनेंस करना पड़ता है, अंदाजा लगाया जा सकता है वे कैसे करते होंगे।
ग्रामीणों का दर्द उनकी सुनने वाला कोई नहीं
डबरा के कई क्षेत्र ऐसे हैं जहाँ एक बार बिजली जाती है तो कई घंटों में आती है, कई क्षेत्रो में पिछले दिनों दो तीन दिन बाद बिजली आई, लोगों का कहना है कि कारण पूछने पर फाल्ट और मेंटेनेंस का बहाना बनाया जाता है,अधिकारी तो अपने घरों में और ऑफिस में एसी में बैठे रहते हैं और गरीब जनता परेशान होती है।
ऊर्जा मंत्री ने अधिकारियों को दिए कड़े निर्देश
बहरहाल ऊर्जा मंत्री ने निरीक्षण के दौरान अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि 24 घंटे बिजली कट, फाल्ट, शिकायतों पर ध्यान दिया जाये उन्होंने चीफ इंजीनियर को आदेश दिए हैं कि लापरवाह अधिकारियों और कर्मचारियों पर निगाह बनाये रखें कोई भी गड़बड़ी करे उसके खिलाफ सख्त एक्शन लें। अब देखना होगा कि ऊर्जा मंत्री के निर्देश के बाद बदहाल बिजली व्यवस्था में कितना बदलाव आता है।