…तो मैं आपके दरवाजे के बाहर बैठूँगा, सिंधिया से आखिर ऐसा क्यों बोले ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर, पढ़ें खबर

गौरतलब है कि रियासतकाल से जेसी मिल, सिमको, ग्रेसिम, ग्वालियर पॉटरीज, डबरा शुगर मिल  जैसे बड़े बड़े उद्योगों से ग्वालियर की पहचान एक उद्योग नगरी की रही है लेकिन पिछले कुछ दशकों से इस क्षेत्र में ग्वालियर बहुत निचले पायदान पर पहुंच गया है। 

Vijayaraje Scindia Girls College Annual Function Gwalior : प्रदेश के ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने आज केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया से ग्वालियर की औद्योगिक बदहाली को दूर करने का अनुरोध किया, कन्या महाविद्यालय के वार्षिकोत्सव में प्रद्युम्न तोमर ने कहा ग्वालियर उद्योग के क्षेत्र में पिछड़ रहा है इसके लिए आप पीएम मोदी और सीएम डॉ मोहन यादव से मिलें और हमें भी ले चलें, नहीं तो मैं आपके दरवाजे के बाहर बैठ जाऊंगा।

केन्द्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के सबसे नजदीकी और विश्वसनीय नेता प्रद्युम्न सिंह तोमर ने आज अपने महाराज श्रीमंत ज्योतिरादित्य सिंधिया के सामने सार्वजनिक मंच से ग्वालियर में पुनः उद्योग स्थापित करवाने का अनुरोध किया, जिससे ये पुनः उद्योग नगरी बने उन्होंने ये भी कहा कि ग्वालियर को जीतने उद्योग मिलना चाहिए वो उसे नहीं मिले हैं।

VRG कॉलेज के वार्षिकोत्सव समारोह में शामिल हुए सिंधिया 

केंद्रीय दूरसंचार मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया आज शासकीय विजयाराजे कन्या स्नातकोत्तर महाविद्यालय मुरार के वार्षिकोत्सव समारोह में शामिल हुए,  इस अवसर पर उन्होंने महाविद्यालय की छात्राओं से सीधा संवाद कर उन्हें सफलता के मंत्र बताए। साथ ही उनकी जिज्ञासाओं का भी समाधान किया। सिंधिया ने विजयाराजे कन्या स्नातकोत्तर महाविद्यालय में लगभग 8 करोड़ रुपये की लागत से नवनिर्मित ललितकला संकाय भवन, पुस्तकालय भवन, वाणिज्य प्रथम तल व पुराना भवन का नवीनीकरण एवं विज्ञान भवन प्रथम तल का लोकार्पण भी किया।

महिला सशक्तिकरण की नीति पर ये बोले  

सिंधिया ने कहा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में सरकार ने कारगर महिला सशक्तिकरण नीति बनाई है जिसकी मदद से महिलाएँ हर क्षेत्र में सफलता का परचम लहरा रही हैं। महिलायें जहाँ सुखोई, मिग व मिराज़ जैसे फाइटर विमान उड़ा रही हैं, वहीं पूरी मुस्तैदी के साथ सरहद की रक्षा पर भी तैनात हैं। ग्वालियर की बेटियां भी आगे आकर सरकार की योजनाओं का लाभ उठाएँ और ग्वालियर, मध्यप्रदेश व देश ही नहीं सम्पूर्ण विश्व का गौरव बनें।

ऊर्जा मंत्री तोमर ने की सिंधिया का आभार जताया गुजारिश भी की 

कार्यक्रम में मौजूद ऊर्जा मंत्री  प्रद्युम्न सिंह तोमर ने ग्वालियर में अत्याधुनिक एयर टर्मिनल, रेलवे स्टेशन, आईएसबीटी व अन्य विकास कार्यों के लिये केंद्रीय मंत्री सिंधिया के प्रति आभार जताया। उन्होंने ग्वालियर के औद्योगिक विकास में और तेजी लाने के लिए शासन स्तर पर प्रयास करने के लिये उनसे विशेष आग्रह भी किया। उन्होंने कहा कि ग्वालियर का इस तरह से औद्योगिक विकास हो, जिससे यहां की प्रतिभा को रोजगार व नौकरी की तलाश में अन्य शहरों में न जाना पड़े।

PM Modi और सीएम डॉ मोहन यादव से मिलने का अनुरोध 

ऊर्जा मंत्री ने कहा कि ग्वालियर की पहचान एक उद्योग नगरी की थी लेकिन अब इस क्षेत्र में ग्वालियर पिछड़ रहा है, इसलिए यहाँ पुनः उद्योगों की स्थापना होनी चाहिए, मीडिया से बात करते हुए ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने कहा कि मैंने कहा है कि ग्वालियर में तेजी से उद्योग स्थापित हों इसके लिए आप पीएम नरेंद्र मोदी और सीएम डॉ मोहन यादव से मिलें और हमें भी लेकर चलें  ग्वालियर को पुनः उद्योग नगरी बनाने के लिए हमको काम करना है,  नहीं तो मैं आपके दरवाजे बैठूँगा..।

ग्वालियर को जितनी जरुरत है उतने उद्योग नहीं मिल पा रहे: तोमर 

ग्वालियर में बड़े बड़े नेता होने के बाद भी ये क्यों पिछड़ रहा है इस सवाल पर तोमर ने कहा उद्योग के लिए ग्वालियर को जितनी जरुरत है मिलने चाहिए नहीं मिल पा रहे हैं ये मेरे मन की बात है वो मैंने कही है ये कोई राजनीतिक मुद्दा नहीं है  ग्वालियर के लिए जो बात मुझे करनी चाहिए वो मैंने कही है।

ग्वालियर की पहचान एक उद्योग नगरी की रही है 

आपको बता दें कि पिछले साल संपन्न हुई ग्वालियर रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव और फरवरी में भोपाल में आयोजित हुई ग्लोबल इन्वेस्टर समिट में दूसरे क्षेत्रों की तुलना में ग्वालियर को कुछ ख़ास नहीं मिला, जिसके बाद से इस क्षेत्र के लोगों में गुस्सा और नाराजगी है क्योंकि सरकार बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाला ग्वालियर चंबल अंचल विकास की बाट जोह रहा है ,

ग्वालियर से अतुल सक्सेना की रिपोर्ट 


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Atul Saxena

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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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