तानसेन समारोह की कल से होगी शुरुआत, तानसेन सम्मान पं. विद्याधर व्यास को

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ग्वालियर । भारतीय शास्त्रीय संगीत का सर्वोच्च अलंकरण “तानसेन सम्मान” इस बार ग्वालियर घराने के मूर्धन्य गायक पंडित विद्याधर व्यास को दिया जायेगा। ये सम्मान शास्त्रीय संगीत के सबसे बड़े आयोजन अखिल भारतीय तानसेन संगीत समारोह में उन्हें दिया जायेगा। समारोह की शुरुआत कल 17 दिसंबर को संगीत सम्राट तानसेन की समाधि स्थली से होगी। पांच दिवसीय समारोह में देश के जाने माने कलाकार प्रस्तुतियां देंगे इसके अलावा 6 विदेशी ग्रुप के  कलाकार भी विश्व संगीत प्रस्तुत करेंगे। कार्यक्रम में शहर के 6 कलाकारों को भी प्रस्तुति का मौका दिया जा रहा है। 

तानसेन संगीत समारोह 17 दिसंबर से 21 दिसंबर तक आयोजित किया जायेगा।इसमें 9 सभाएं होंगी इसमें से आठ सभाएं तानसेन की समाधि स्थल हजीरा पर होंगी और अंतिम सुबह की सभा तानसेन की जन्म स्थली बेहट में होगी और शाम की सभा गूजरी महल में होगी। समारोह की औपचारिक शुरुआत की पूर्व संध्या पर16 दिसंबर यानि आज शाम हजीरा स्थित इंटक पर गमक कार्यक्रम होगा जिसमें प्रख्यात गजल गायक तलत अजीज प्रस्तुति देंगे। तानसेन समारोह की पारंपरिक शुरुआत 17 दिसंबर को तानसेन समाधि पर हरिकथा और मीलाद से होगी। इसके बाद चादरपोशी होगी। मुख्य समारोह की शुरुआत शाम की सभा से होगी । कार्यक्रम के तहत 9 सभाओं में जयपुर के पद्मश्री मोईनुद्दीन खां का सारंगी वादन, प्रयागराज के प्रेमकुमार मलिक का ध्रुपद गायन, ग्वालियर घराने की मीता पंडित का गायन, इंदौर की रसिका गावड़े का गायन, भोपाल की श्रुति अधिकारी एवं समूह का पंचनाद, कोलकाता के सागर का ध्रुपद गायन, ग्वालियर के अभिजीत सुखदाणे का ध्रुपद गायन, इंदौर के अब्दुल सलाम का क्लोरोनेट वादन, चेन्नई के पद्मविभूषण के शिवरमन का मृदंग वादन, मोहन देशपांडे का गायन, ग्वालियर के जयंत गायकवाड का पखावज वादन,मुंबई की सोनल शिवकुमार का गायन, भोपाल के सलीम अल्लाहवाले का ताल सप्तक, उज्जैन के सुधाकर देवले का गायन, मुंबई के पंडित अजय पोहनकर का गायन, मुंबई के नित्यानंद हल्दीपुरकर का बांसुरी वादन, दिल्ली के नरेश मल्होत्रा का गायन, ग्वालियर के महेश दत्त पांडे का गायन, वाराणसी के रामचंद्र भागवत का शहनाई वादन, मुंबई की अपूर्वा और पल्लवी का युगल गायन, भोपाल की जाह्नवी का ध्रुपद गायन, कोलकाता की कौशिकी चक्रवर्ती का गायन, नरेन्द्र नाथ का सरोद वादन, कोलकाता की संजुक्ता दास, ग्वालियर के अली अहमद खां का सारंगी वादन, ग्वालियर के प्रज्ज्वल शिर्के का गायन, भोपाल की सबगुंजी का गायन, धारवाड़ की सुजाता गुरव का गायन, कोलकाता की मीता नाग का सितार वादन की प्रस्तुति होंगी इसके अलावा ग्रीस ,ईरान, चीन, इजराइल और बेल्जियम के कलाकार प्रस्तुति देंगे। सभी सभाओं की पहली प्रस्तुति ग्वालियर में संचालित संगीत विद्यालयों के छात्र छात्राओं और शिक्षकों के ध्रुपद गायन से होगी। 

तानसेन अलंकरण पंडित विद्याधर व्यास को मिलेगा

17 दिसंबर को पहली सभा में ही ग्वालियर घराने के मूर्धन्य गायक मुंबई के पंडित विद्याधर व्यास को भारतीय शास्त्रीय संगीत का सर्वाेच्च अलंकरण तानसेन सम्मान दिया जाएगा। सम्मान स्वरुप दाे लाख रुपए, सम्मान पट्टिका, शाॅल-श्रीफल दिया जायेगा । विशेष बात ये है कि 1982 में  पंडित विद्याधर व्यास के पिता प्रख्यात गायक पं. नारायणराव व्यास काे तानसेन सम्मान मिल चुका है। इस तरह 36 साल बाद तानसेन सम्मान मिलने का अवसर पाकर उन्हाेंने अपने पिता का मान बढ़ाया है।  सम्मान को लेकर पंडित विद्याधर व्यास उत्साहित हैं उनका कहना है कि मेरा सपना पूरा हुआ। ये सम्मान पाकर मेरी संगीत साधना सफल हो गई।


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