Gwalior Police की कार्रवाई सवालों के घेरे में, पंचर जोड़ने वाले को अवैध शराब बेचने के आरोप में जेल भेजा, परिजनों ने IG-SP से शिकायत की

पीड़ित के पिता ने कहा कि यह पूरा खेल पुलिसकर्मियों ने शराब कारोबारी के इशारे पर किया है जिसकी शिकायत आईजी और एसपी से की है। उन्होंने कहा कि हमने सीसीटीवी फुटेज भी पुलिस को सौंपे हैं।

Atul Saxena
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Gwalior Police Station

Gwalior News : ग्वालियर पुलिस (Gwalior Police) की एक कार्रवाई के बाद पीड़ित व्यक्ति के परिवार का आरोप है कि अब ये साबित हो रहा है कि पुलिस ही लोगों को अपराधी बनाती है, इस परिवार ने ग्वालियर आईजी और ग्वालियर एसपी से मिलकर ग्वालियर थाना पुलिस की शिकायत की है और उसपर उनके बेटे को बिना वजह गिरफ्तार कर जेल भेजने का गंभीर आरोप लगाया है, परिवार ने पुलिस को सीसीटीवी फुटेज भी सौंपे हैं, शिकायत के बाद पुलिस ने मामले की जाँच शुरू कर दी है।

पंचर की दुकान पर था, शराब बेचने के आरोप में पुलिस ने पकड़ा 

ग्वालियर थाना क्षेत्र के लधेड़ी पर रहने वाले शिवस्वरूप सिंह बैस ने आरोप लगाया है कि उनके बेटे सूर्य प्रताप उर्फ छोटू बैस को पुलिस ने 9 अप्रैल को अवैध शराब बेचने के आरोप में जेल भेजा है। उससे 7 पेटी अवैध शराब बरामद होना बताई है। लेकिन पुलिस की कहानी साफ झूठी है। उस वक्त सूर्य प्रताप दुकान पर था। 

परिजनों ने पुलिस की कार्रवाई फर्जी बताई 

उन्होंने कहा कि ग्वालियर थाने के सिपाही कमल परिहार और विवेक तोमर उसे बाइक पर बैठाकर ले गए। नूरगंज सेवा नगर पुलिस चौकी पर थाने की गाड़ी को बुलाया उसमें पहले से ही अवैध शराब की पेटियां रखी हुई थी। जिसे सूर्य प्रताप का बताकर उसे बंद कर दिया। बाजार में लगे सीसीटीवी के फुटेज निकाले है इनमें पुलिस की फर्जी कार्रवाई साफ दिखी है।

IG-SP से की शिकायत, पुलिस ने जाँच शुरू की  

पीड़ित के पिता ने कहा कि यह पूरा खेल पुलिसकर्मियों ने शराब कारोबारी के इशारे पर किया है जिसकी शिकायत आईजी और एसपी से की है। उन्होंने कहा कि हमने सीसीटीवी फुटेज भी पुलिस को सौंपे हैं। इस मामले में सीएसपी अशोक जादौन का कहना है कि एक शिकायती आवेदन आया है जिसे जाँच में लिया गया है, पुलिसकर्मियों ने यदि गलत कार्रवाई की है तो एक्शन लिया जायेगा।


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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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