बच्चों को राहत, शीतलहर के चलते ग्वालियर के स्कूलों और आंगनबाड़ियों में 16 जनवरी को रहेगा अवकाश, आदेश जारी

ग्वालियर में शीत लहर की वजह से सर्दी बढ़ने और बारिश की संभावना को ध्यान में रखकर जिले में केजी-नर्सरी से लेकर आठवी कक्षा तक के स्कूली बच्चों के लिए 16 जनवरी को अवकाश घोषित किया गया है।

Atul Saxena
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Gwalior News : ग्वालियर में दिसंबर और जनवरी के महीनों में तेज कड़ाकेदार सर्दी पड़ती है, हर साल की तरह इस साल भी बहुत सर्दी पड़ रही है, जिले में इस समय तेज शीतलहर चल रही है, उधर मौसम विभाग ने गुरुवार को बारिश की भी संभावना जताई है इसे देखते हुए जिला प्रशासन ने कल 16 जनवरी को आठवीं तक के स्कूलों और आंगनबाड़ी केन्द्रों में छुट्टी घोषित की है।

ग्वालियर में शीत लहर की वजह से सर्दी बढ़ने और बारिश की संभावना को ध्यान में रखकर जिले में केजी-नर्सरी से लेकर आठवी कक्षा तक के स्कूली बच्चों के लिए 16 जनवरी को अवकाश घोषित किया गया है। साथ ही आंगनबाड़ी के बच्चों के लिये भी इस दिन छुट्टी रहेगी।

केजी- नर्सरी से आठवीं तक के स्कूलों में छुट्टी 

बच्चों को ठंड से बचाने के उद्देश्य से कलेक्टर श्रीमती रुचिका चौहान के निर्देश पर जिला शिक्षा अधिकारी अजय कटियार एवं सहायक संचालक महिला बाल विकास राहुल पाठक द्वारा अलग-अलग आदेश जारी किए गए हैं। जिला शिक्षा अधिकारी द्वारा जारी किया गया आदेश स्कूल शिक्षा विभाग, आईसीएससी व सीबीएसई के सभी सरकारी एवं गैर सरकारी स्कूलों पर लागू होगा। आदेश में यह भी उल्लेख है कि परीक्षाएं पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार यथावत चलती रहेंगी।

जिले के सभी आंगनबाड़ी केंद्रों में रहेगा अवकाश 

इसी तरह सभी आंगनबाड़ी केंद्रों में भी 16 जनवरी को बच्चों के लिए अवकाश रखा गया है। सहायक संचालक महिला बाल विकास  राहुल पाठक ने बताया कि आंगनबाड़ी केन्द्रों में केवल बच्चों के लिए छुट्टी रहेगी। केवल पोषण आहार के लिये प्रात: 11:30 बजे बच्चे आंगनबाड़ी केन्द्र आ सकेंगे। आंगनबाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिका आंगनबाड़ी की अन्य गतिविधियां यथावत संचालित करेंगी। विभागीय परियोजना अधिकारी व समस्त पर्यवेक्षकों से इन निर्देशों का पालन कराने के लिए कहा गया है।

बच्चों को राहत, शीतलहर के चलते ग्वालियर के स्कूलों और आंगनबाड़ियों में 16 जनवरी को रहेगा अवकाश, आदेश जारी


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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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