PM Awas Yojana के घरों में रह रहे लोग परेशान, नगर निगम अधिकारियों पर लगाये पीएम-सीएम की छवि धूमिल करने के आरोप

Atul Saxena
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PM Awas Yojana : प्रधानमंत्री आवास योजना के घरों में रह रहे लोग मात्र छह महीने में ही अव्यवस्थाओं से परेशान होने लगे हैं। आवासों की चाबी सौंपे जाने के बाद रहने पहुंचे शहर के लोग अब खुद को ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं। स्थानीय निवासियों का कहना है कि हमसे मेंटेनेंस के नाम से पैसा ले लिया लेकिन कोई काम नहीं हो रहा, नगर निगम के अधिकारी सिर्फ टालमटोल करते हैं , निवासियों ने आरोप लगाया कि ग्वालियर नगर निगम के अधिकारी पीएम नरेंद्र मोदी और सीएम शिवराज सिंह चौहान की छवि धूमिल करने का काम कर रहे हैं।

ग्वालियर नगर निगम की जन सुनवाई में आज महलगांव क्षेत्र में बसाई गई पीएम आवास योजना में रह रहे लोग पहुंचे,उन्होंने बताया कि वे पीएम आवास योजना के घरों में रहते हैं, जब योजना का प्रचार प्रसार किया गया तब बड़ी बड़ी बातें की गई थी, चाबी देते समय भी बहुत आदर सत्कार किया गया लेकिन ये सब दिखावा मात्र था, आज हम लोग पिछले 6 महीने से परेशान हैं।

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स्थानीय निवासी निशांत व्यास ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रहने के लिए सस्ते घर बनवा रहे हैं, सीएम शिवराज सिंह चौहान लाड़ली लक्ष्मी, लाड़ली बहना योजना चला रहे हैं लेकिन आज उनकी बहने और भांजियां परेशान हैं। हम लोगों को नाले के गंदे पानी के बीच से निकलना पड़ता है, पूरे कैम्पस में कोई सफाई व्यवस्था नहीं है, सुरक्षा नहीं है। नगर निगम के अधिकारियों से कहो तो वे कहते हैं ये हमारी जिम्मेदारी नहीं है।

निवासियों ने कहा कि हमसे 2 साल का मेंटेनेंस प्रति फ़्लैट 44 हजार रुपये लिया गया लेकिन यहाँ कोई सुविधा या मेंटेनेंस नहीं है , ठेकेदार सुनते नहीं है, एक गार्ड दिन में रहता है दो गार्ड रात में आत एहेन लेकिन सो जाते है , सुरक्षा की कोई व्यवस्था नहीं हैं चोरियां होने लगी है , लाईट चली जाये तो कैम्पस अँधेरे में डूब जाता है , जनरेटर रखे हैं लेकिन निगम ने उसमें डीजल नहीं डाला। इससे साफ पता चलता है कि ग्वालियर नगर निगम के अधिकारी पीएम नरेंद्र मोदी और सीएम शिवराज सिंह चौहान की छवि धूमिल करने का काम कर रहे हैं।

इसी योजना के आवास में रहने वाले चेतन शर्मा कहते हैं कि हमने 19 लाख में फ़्लैट लिया, 44 हजार मेंटेनेंस जमा किया है,  फिर भी हम परेशान हैं, निगम के अधिकारी सुनते नहीं है ठेकेदार कहता है हमें आपसे मतलब नहीं है, कैम्पस में लोग शराब पीते हैं, महिलाएं परेशान है लेकिन कोई सुनने वाला नहीं है पिछले 6 महीने में चार पांच बार शिकायते कर चुके हैं लेकिन कोई नहीं सुनता। यहीं रहने वाली रत्ना साराभाई कहती हैं कि कैम्पस में कहीं सीसीटीवी नहीं है, साफ़ सफाई होती नहीं है, कचरा उठता नहीं है, महिलाओं की सुरक्षा के लिए कोई व्यवस्था नहीं है समझ नहीं आता किसके पास जाएं।

आपको बता दें कि ग्वालियर शहर में कई जगहों पर नगर निगम प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत फ़्लैट बना रही है, इन फ्लैट को खरीदने वालों को एक समारोह कर चाबियाँ दी जा रही है, चाबी कभी पीएम नरेंद्र मोदी ने दी , कभी गृह मंत्री अमित शाह ने कभी सीएम शिवराज सिंह चौहान ने, लेकिन उसके बाद इन लोगों की चिंता किसी ने नहीं की।

सिर्फ ग्वालियर ही नहीं पूरे प्रदेश में पीएम आवास योजना के तहत आवास बनाये जा रहे हैं इनका प्रचार प्रसार भी जोर शोर से हो रहा है लेकिन जिस समस्यायों को यहाँ रहने वाले लोग 6 महीने में ही झेलने लगे हैं ये निश्चित ही चिंता का विषय है, सरकार और स्थानीय प्रशासन को लापरवाह नगर निगम अधिकारियों के खिलाफ कड़ा एक्शन लेने की जरुरत है, वर्ना सरकार की छवि पर दाग लगना तय है।

ग्वालियर से अतुल सक्सेना की रिपोर्ट 


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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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