RSS की अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा की बैठक शुरू, पहले दिन रखे दो प्रस्ताव

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ग्वालियर। आज से शुरू हुई राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा की तीन दिवसीय बैठक में शुभारम्भ सत्र में पहले दिन सबरीमाला देवस्थान मामले में केरल सरकार द्वारा धार्मिक परंपरा और आस्थावान लोगों पर की जा रही ज्यादती एवं आज के भौतिकतावादी दौर में परिवार व्यवस्था को बनाए रखने पर प्रस्ताव रखे गए। इससे पहले बैठक का शुभारंभ सरसंघचालक मोहन भागवत ने भारतमाता के चित्र के चरणों में पुष्प अर्पित कर किया। बैठक का संचालन सरकार्यवाह  भय्या जी जोशी ने किया।

बैठक के दौरान विभिन्न सत्रों में होने वाली चर्चा की जानकारी देते हुए सह सरकार्यवाह डाॅ मनमोहन वैद्य ने बताया कि सबरीमाला देवस्थान मामला सदियों पुरानी धार्मिक परंपरा से जुड़ा है और इस मामले में सर्वोच्च न्यायालय के दखल की आड़ लेकर केरल सरकार द्वारा हिन्दू श्रद्वालुओं के साथ ज्यादाती की जा रही है। इस विषय को लेकर संघ समाज के बीच जाएगा। बैठक के दूसरे प्रस्ताव में वर्तमान परिस्थितियों में टूटती परिवार व्यवस्था को बनाए रखने का विषय भी रखा गया। शुभारम्भ के बाद पत्रकारों से बात करते हुए डाॅ मनमोहन जी वैद्य ने बताया कि अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा की बैठक संघ कार्य के संबंध में निर्णय लेने वाली सबसे बड़ी संस्था है। इसकी बैठक वर्ष में एक बार आयोजित की जाती है। यह बैठक एक साल दक्षिण में, एक साल उत्तर में एवं तीसरे वर्ष नागपुर में रखी जाती है। जहां प्रति दो हजार कार्यकर्ताओं पर एक प्रतिनिधि का चयन किया जाता है। यह बैठक संगठन दृढ़ीकरण एवं विविध प्रांतों के विशेष कार्य, प्रयोग एवं अनुभव साझा करने की दृष्टि से काफी महत्वपूर्ण है। बैठक में संघ के 35 संगठनों के सक्रिय सदस्यों द्वारा नियमित वृत्त को भी रखा जाता है। इसके अलावा संघ शिक्षा वर्गों के प्रवास व प्रशिक्षण तथा अगले वर्ष की कार्ययोजना भी इस बैठक में तैयार की जाती है। राम मंदिर मामले पर सवाल को लेकर डाॅ वैद्य ने कहा कि इस मामले में संबंधित पक्ष न्यायालय में अपनी बात रख चुके हैं। अब इसे सर्वोच्च न्यायालय को देखना है। बैठक में लोकसभा चुनाव पर चर्चा के सवाल पर उन्होंने कहा कि चुनाव पर कोई बात नहीं होगी, लेकिन अधिक से अधिक लोग मतदान के लिए जाएं इसको लेकर स्वयंसेवकों द्वारा प्रेरित किया गया। 


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