सज्जन वर्मा का “महाराज” पर तंज- “छह महीने बाद लौटे तो ‘श्रीमंत’ से ज्योतिरादित्य हो गए”

ग्वालियर, अतुल सक्सेना । कांग्रेस के महासदस्यता अभियान में शामिल होने ग्वालियर पहुंचे पूर्व मंत्री सज्जन सिंह वर्मा के निशाने पर ज्योतिरादित्य सिंधिया रहे। उन्होंने कहा कि जो व्यक्ति ग्वालियर कि जनता जो अपना परिवार कहता था वो कोरोना काल में छह महीने तक गायब रहा। इसलिए जब लौटे तो जनता ने “महाराज” को काले झंडे दिखाकर कह दिया कि अब आप हमारे लिए “श्रीमंत” नहीं ज्योतिरादित्य हो।

भारतीय जनता पार्टी के तीन दिवसीय सदस्यता अभियान का जवाब देने के लिये कांग्रेस ने ग्वालियर में महा सदस्यता अभियान शुरू किया। जिसमें पूर्व मंत्री सज्जन सिंह वर्मा, पूर्व मंत्री डॉ गोविंद सिंह, पूर्व मंत्री पीसी शर्मा, पूर्व मंत्री लाखन सिंह, पूर्व मंत्री जयवर्धन सिंह, पूर्व विधानसभा अध्यक्ष एन पी प्रजापति सहित अन्य कई वरिष्ठ नेता शामिल हुए। सभी के निशाने पर ज्योतिरादित्य सिंधिया ही रहे। सज्जन सिंह वर्मा ने कहा कि सिंधिया जी हमेशा कहते हैं कि ग्वालियर चंबल की जनता मेरा परिवार है । आपका खून का रिश्ता है पीढ़ियों का रिश्ता है, लेकिन वे ये बताएं कि जब कोरोना में आपके क्षेत्र की जनता संक्रमित हो रही थी मर रही थी तब कहाँ थे। अब आपका छह महीने बाद अवतरण हुआ है तो जनता ने काले झंडे दिखाकर कह दिया कि “महाराज” अब “श्रीमंत ” गायब हैं अब ज्योतिरादित्य बनकर ही आ सकते हैं।

अभी तो छर्रे आये हैं, अभी और आयेंगे

पार्टी के महासदस्यता अभियान में शामिल होने आये पूर्व मंत्री सज्जन सिंह वर्मा ने कहा कि झूठ बोलकर या बड़ी बड़ी बातें करने से कुछ नहीं होता जनता समझदार है। अंचल में कांग्रेस मजबूत है कई लोग पार्टी में आज शामिल हो रहे हैं। उन्होंने मजाकिया लहजे में खुद की बात करते हुए कहा कि अभी तो कमलनाथ जी के कुछ छर्रे आये हैं अभी और आयेंगे। पास में ही बैठे पूर्व विधानसभा अध्यक्ष एन पी प्रजापति ने भी इसे रिपीट किया फिर सब हंस पड़े। बहरहाल कांग्रेस बुधवार को महा सदस्यता अभियान शुरू कर अपनी चुनावी शुरुआत कर दी है।


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श्रुति कुशवाहा

श्रुति कुशवाहा

2001 में माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय भोपाल से पत्रकारिता में स्नातकोत्तर (M.J, Masters of Journalism)। 2001 से 2013 तक ईटीवी हैदराबाद, सहारा न्यूज दिल्ली-भोपाल, लाइव इंडिया मुंबई में कार्य अनुभव। साहित्य पठन-पाठन में विशेष रूचि।

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