डॉक्टर्स ने शिवराज सरकार के खिलाफ खोला मोर्चा, “चिकित्सा बचाओ–चिकित्सक बचाओ”आंदोलन शुरू

Atul Saxena
Updated on -

Medical college teachers protest : मध्य प्रदेश में मेडिकल कॉलेज के डॉक्टर्स ने शिवराज सरकार के खिलाफ हल्लाबोल शुरू कर दिया है,“चिकित्सा बचाओ–चिकित्सक बचाओ” आंदोलन के रास्ते डॉक्टर्स यात्रा पर निकले हैं ये यात्रा प्रदेश के सभी 13 मेडिकल कॉलेज के चिकित्सकों को जोड़ते हुए 5 फरवरी को भोपाल पहुंचेगी, यात्रा का उद्देश्य सभी सरकारी चिकित्सकों से वन टू वन मुलाकात कर उनकी समस्या को समझना है और उन्हें एकजुट करना है।

मध्य प्रदेश में 2023 में विधानसभा चुनाव हैं, विपक्ष सरकार के दावों को याद दिलाकर, सरकार की नीतियों को विफल बताकर हमलावर है तो शासकीय कर्मचारी अपनी मांगों को लेकर आंदोलन की राह पर हैं, अब प्रदेश के मेडिकल कॉलेज के डॉक्टर्स यानि मेडिकल टीचर्स ने आंदोलन की शुरुआत कर दी है। मेडिकल टीचर्स ने ग्वालियर से “चिकित्सा बचाओ–चिकित्सक बचाओ” आंदोलन की शुरुआत की है, आज पूजा अर्चना के बाद मेडिकल टीचर्स ने ग्वालियर के जीआर मेडिकल कॉलेज से आंदोलन शुरू किया, एसोसिएशन के पदाधिकारियों को दिन में हरी झंडी दिखाकर रवाना किया गया।

इस आंदोलन में मेडिकल कॉलेज से जुड़े सभी संगठन शामिल हैं, यात्रा के संयोजक डॉ राकेश मालवीय ने बताया अलग अलग एसोसिएशनों के पदाधिकारी इस यात्रा में शामिल होकर प्रदेश में मेडिकल कॉलेज से लेकर, सरकारी अस्पतालों, डिस्पेंसरी में स्वास्थ्य सेवाओं का रिलायटी चैक करेंगे साथ ही डॉक्टर्स की मांग को लेकर सरकार के खिलाफ अपना समर्थन मांगेंगे, उन्होंने उम्मीद जताई कि सरकार इस बार हमारी मांग जरुर मानेगी।

यात्रा में शामिल प्रोग्रेसिव मेडिकल टीचर्स एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष डॉ सुनील अग्रवाल ने कहा कि हम सरकार से लम्बे समय से मांग करते आ रहे हैं लेकिन सरकार ने इस पर ध्यान नहीं दिया है, कोई नियम ही नहीं है, कभी भी कोई आदेश आ जाता है और उसे बस मानना होता है ये गलत है, डॉ अग्रवाल ने कहा कि हम चिकित्सक पुरानी पेंशन योजना की बहाली डॉक्टर्स की प्रमोशन पॉलिसी, मरीजों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाओं की व्यवस्था उपलब्ध कराना चाहते है।


About Author
Atul Saxena

Atul Saxena

पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

Other Latest News