Gwalior News : ग्वालियर के एसपी ऑफिस में एक बड़ा घोटाला सामने आया है। ऑफिस की कंटेंजेन्सी शाखा में पदस्थ क्लर्क (आरक्षक) अरविंद भदौरिया ने 71 लाख रुपये की सरकारी राशि को निजी खातों में ट्रांसफर कर सरकार को ही चूना लगा दिया। ट्रेजरी की ऑडिट रिपोर्ट से जो खुलासा हुआ है उसमें शुरुआती जांच में 77 खाते सामने आये हैं जिनमें राशि ट्रांसफर की गई इसमें आरक्षक अरविंद की पत्नी के खाते में ही 17 लाख 50 हजार रुपये ट्रांसफर होना मिला है। पुलिस ने आरक्षक के खिलाफ एफ आई आर दर्ज कर उसे हिरासत में ले लिया है उधर एसपी राजेश सिंह चंदेल ने आरक्षक को निलंबित कर दिया है।
क्या है पूरा मामला
जानकारी के मुताबिक सिटी सेंटर स्थित पुलिस अधीक्षक कार्यालय की कंटेंजेन्सी शाखा में पदस्थ आरक्षक (क्लर्क) अरविंद भदौरिया का एक बड़ा घोटाला आयुक्त कोष एवं लेखा यानि ट्रेजरी की ऑडिट रिपोर्ट में सामने आया है। रिपोर्ट के मुताबिक आरक्षक क्लर्क ने 2018 से 2023 के बीच जो बिल टेलीफोन, बिजली से लेकर सामान खरीदी के जो बिल तैयार किये उसमें सर्विस प्रोवाइडर के बैंक खातों की जगह पत्नी के बैंक खाते सहित अन्य लोगों के बैंक खाते के नंबर लिख दिये जिसमें भुगतान की राशि ट्रांसफर की गई। मालूम चला है कि ऐसे कुल 77 खाते हैं जिसमें 71 लाख रुपये ट्रांसफर किये गए, इसमें आरक्षक की पत्नी के खाते में 17 लाख 50 हजार रुपये की राशि ट्रांसफर किये गए।
मामला उजागर होने के बाद एसपी एक्शन में आये आरक्षक अरविंद भदौरिया को बुलाया गया उसे पकड़कर यूनिवर्सिटी ने पूछताछ की तो उसने गबन करना स्वीकार किया है। एसपी ने इस मामले की जांच के लिये एक कमेटी बना दी है और आरक्षक को निलंबित कर दिया है। बताया जा रहा है आरक्षक अरविंद भदौरिया कंटेंजेन्सी शाखा में 6 साल से पदस्थ है, जांच कमेटी इन 6 सालों में उसके द्वारा तैयार किये बिल, उसे जारी करने वाले सीनियर अधिकारी और उसके भुगतान के बैंक एकाउंट की डिटेल की जांच करेगी। उधर ट्रेजरी ने भी ये सभी दस्तावेज पुलिस से मांगे हैं। बहरहाल अब देखना होगा कि इस लाखों रुपये की राशि के घोटाले में सिर्फ आरक्षक (क्लर्क) अरविंद भदौरिया ही अकेला है या फिर कई बड़े अफसरों की भी कोई भूमिका है।
ग्वालियर से अतुल सक्सेना की रिपोर्ट