ग्वालियर। अतुल सक्सेना| प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार के दूसरे कार्यकाल का एक साल पूरा होने पर भाजपा खुशी मना रही है। अखबारों में विज्ञापन छपे हैं। लेकिन इन्हीं विज्ञापनों ने ग्वालियर में बहस छेड़ दी है। ग्वालियर के अखबारों में छपे विज्ञापनों में पीएम से लेकर सभी शीर्ष नेताओं के फोटो हैं लेकिन इन विज्ञापनों में सिंधिया का फोटो गायब है। जिस पर कांग्रेस ने चुटकी लेते हुए कहा कि “कांग्रेस में तो कभी ऐसी दुर्दशा नहीं हुई क्या इसी सम्मान के लिए कांग्रेस छोड़ी थी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार के दूसरे कार्यकाल ने आज अपना एक साल पूरा कर लिया। पार्टी के नेता और कार्यकर्ता अपनी सरकार की उपलब्धियां गिना रहे हैं और खुशी मना रहे हैं। खुशी का इजहार पार्टी नेताओं ने अखबारों में विज्ञापन देकर भी की है। लेकिन ग्वालियर में इन्हीं विज्ञापनों ने बहस छेड़ दी है। बहस की वजह है विज्ञापनों में ज्योतिरादित्य सिंधिया का फोटो का नहीं होना। दरअसल स्थानीय अखबारों में भाजपा के विज्ञापन छपे हैं जिसमें पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं ने केंद्र सरकार और प्रधानमंत्री को बधाई दी है। इसमें एक छोटे से विज्ञापन को छोड़कर सभी विज्ञापनों से सिंधिया का फोटो गायब है। इन विज्ञापनों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा, मुख्यमंत्री शिवराज सन् चौहान, केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, स्थानीय सांसद विवेक नारायण शेजवलकर के फोटो हैं लेकिन सिंधिया का फोटो नहीं है। एक विज्ञापन में तो जिला अध्यक्ष कमल माखीजानी का भी फोटो लगा है लेकिन इसमें भी सिंधिया का फोटो नहीं है। मौके पर चौका मारते हुए कांग्रेस ने इसे मुद्दा बना लिया है।
स्थानीय अखबारों में छपे विज्ञापनों से सिंधिया का फोटो गायब होने के बाद कांग्रेस ने चुटकी ली है। पार्टी के जिला प्रवक्ता धर्मेंद्र शर्मा ने सोशल मीडिया पर तंज कसते हुए कहा कि ये क्या श्रीमंत, पहले भाजपा के प्रदेश स्तर की बैठकों, होर्डिंग बैनरों से आपका फोटो गायब, अब क्या ग्वालियर में भी भी भाजपाइयों ने सम्मान देना उचित नहीं समझा, क्या इसी सम्मान के लिए कांग्रेस छोड़ी थी। धर्मेंद्र ने कहा यह दुर्दशा कांग्रेस में रहते कभी ना होती अगर साथ न छोड़ा होता । ग्वालियर के भाजपाई उन्हें अपना नेता ही नहीं मानते ।
सिंधिया समर्थकों की चुप्पी पर उठे सवाल
ज्योतिरादित्य सिंधिया ने जब कांग्रेस छोड़ी थी तब 22 विधायकों ने भी उनके साथ कांग्रेस छोड़ी थी और भाजपा जॉइन की थी। इनमें दो कैबिनेट मंत्री एक विधायक ग्वालियर जिले का भी शामिल था। आज जब अखबारों में प्रधानमंत्री को बधाई देने वाले भाजपा के विज्ञापनों से सिंधिया का फोटो गायब है तो इन सबकी चुप्पी पर सवाल उठा रहे हैं। कांग्रेस प्रवक्ता धर्मेंद्र शर्मा का कहना है कि सिंधिया के सम्मान के लिए बड़ी बड़ी बातें करने वाले उनके समर्थक पूर्व मंत्री,पूर्व विधायक और नेता उनके अपमान पर चुप क्यों है ?उधर भाजपा जिला अध्यक्ष कमल माखीजानी का इस मसले पर कहना है कि विज्ञापन पार्टी ने जारी नहीं किये हैं ये समर्थकों ने जारी किये हैं। उन्होंने कहा कि सिंधिया जी पार्टी के नेता हैं आगे से इस बात का ध्यान रखा जायेगा।
बहरहाल आज अखबारों में छपे विज्ञापनों से साफ हो गया है कि ग्वालियर में बहुत से स्थानीय भाजपा नेता सिंधिया को अपना नेता नहीं मानते। इतना ही नहीं एक बात और निकलकर सामने आई है कि सिंधिया समर्थक भी खुद को पूरी तरह भाजपाई नहीं मानते वरना प्रधानमंत्री को बधाई संदेश उनकी तरफ से भी जारी किया गया होता । अब देखना ये होगा कि आने वाले उप चुनावों में ग्वालियर जिले की तीन सीटों के नतीजे क्या उलटफेर करते हैं।