“इंडिया” “भारत” विवाद पर बोले सिंधिया, मातृभूमि के नाम का विरोध करना ये देश का दुर्भाग्य, महिला अत्याचार मामले पर कांग्रेस पर किया पलटवार

Jyotiraditya Scindia Gwalior Tour

Jyotiraditya Scindia Gwalior Tour : केंद्रीय नागरिक उड्डयन एवं इस्पात मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया आज चार दिवसीय प्रवास पर ग्वालियर पहुंचे, वे ग्वालियर चंबल अंचल के शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों का दौरा करेंगे और जनता से पार्टी के पक्ष में मतदान करने की अपील करेंगे। उन्होंने कहा कि मुझे विश्वास है कि भारतीय जनता पार्टी के विकास कार्य और जन हितैषी योजनाओं को देखते हुए जनता भाजपा को अपना आशीर्वाद जरूर देगी।

महंगाई, भ्रष्टाचार, महिला अत्याचार जैसे मुद्दे उठा रही है कांग्रेस  

मप्र विधानसभा चुनावों में कांग्रेस महंगाई, भ्रष्टाचार सहित कई मुद्दों को उठा रही है इसमें एक महत्वपूर्ण मुद्दा है महिला सुरक्षा का।  पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ, दिग्विजय सिंह सहित तमाम कांग्रेस नेता शिवराज सरकार पर हमलावर हैं, उनके आरोप हैं कि महिला सुरक्षा मामले में शिवराज सरकार फेल है, भाजपा की सरकार ने मध्य प्रदेश को महिला अत्याचार में नम्बर एक बना दिया है।

सिंधिया का पलटवार, प्रदेश की महिलाएं कांग्रेस को सिखाएंगी सबक 

कांग्रेस के इन आरोपों पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने करारा जवाब दिया था कांग्रेस नेताओं को उनके टंच,माल, आइटम जैसे बयान याद दिलाये थे और केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने भी ट्वीट कर हमला किया था। आज जब सिंधिया ग्वालियर पहुंचे और मीडिया ने उनसे सवाल किया तो उन्होंने कहा कि इस देश में महिलाओं का बड़ा योगदान है लेकिन जो पार्टी और उसके नेता महिलाओं पर अभद्र टिप्पणी करते हैं, उन्हें नीचा दिखाने का कार्य करते हैं, इस बार प्रदेश की साढ़े चार करोड़ महिलाएं कांग्रेस का चेहरा उजागर करेंगी और उसे सबक सिखाएंगी।

“भारत” का विरोध करने को बताया देश का दुर्भाग्य 

NCERT की किताबों में इंडिया की जगह भारत लिखे जाने पर हो रहे विवाद पर ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा, हमारे देश का नाम अतीत से भारत ही है फिर विरोध किस बात का? जब इंडिया रखा गया तब कोई विरोध नहीं हुआ अब क्यों? सिंधिया ने कहा कि मातृभूमि के नाम पर किसी के द्वारा विरोध करना ये देश का दुर्भाग्य है।

ग्वालियर से अतुल सक्सेना की रिपोर्ट 


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Atul Saxena

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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ.... पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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