ग्वालियर/अतुल सक्सेना
ग्वालियर (Gwalior) के कलेक्टर (collector) का एक अजीबोगरीब आदेश (order) चर्चा का विषय बना हुआ है। दरअसल कोरोना (corona) संक्रमण को देखते हुए कलेक्टर साहब ने आदेश दिया है कि शादी ब्याह (marriages) की परमिशन (permission) बेहद लिमिटेड एडिशन में दी जाएगी। इसके अंतर्गत दूल्हा (groom)और दुल्हन (bride) दोनों के परिजन (relatives), काजी या पंडित सहित केवल चार-चार लोग ही शादी में शामिल हो सकेंगे। यहां तक तो फिर भी ठीक है, लेकिन आदेश में लिखा है कि शादी के लिए बाहर जाने पर सिर्फ दो वाहनों की अनुमति होगी जिसमें हर वाहन (vehicle) में ड्राइवर (driver) सहित सिर्फ एक व्यक्ति बैठ सकेगा। यानि सिर्फ चार लोग, जिनमें दो ड्राईवर (driver) होंगे बाहर जा सकेंगे। एक गाड़ी में ड्राइवर के साथ एक ही व्यक्ति बैठ सकेगा।
अब इसे आसानी से समझने के लिए उदाहरण के लिए ग्वालियर (Gwalior) से कोई व्यक्ति इंदौर (Indore) शादी के लिए जाता है। एक गाड़ी में दूल्हा (groom) और दूसरे में उसका पिता होता है। शादी (marriage) की रस्म अदा होने के बाद जब विदाई होगी तो दूल्हे के सामने यह धर्मसंकट होगा कि वह अपने पिता को वहीं छोड़ आए, क्योंकि इस स्थिति में ही वह अपनी दुल्हन (bride) को वापस ला पाएगा। इससे भी आगे बढ़कर रोचक बात यह है कि एक गाड़ी में ड्राइवर (driver) सहित एक अन्य व्यक्ति ही बैठ सकता है तो पहली बार विदा होने के बाद क्या रास्ते भर दुल्हन ड्राइवर के साथ बैठकर आएगी ? अब दूल्हा पिता को दुल्हन के घर छोड़ने के टेंशन में , दूसरा पिता कैसे लौटेंगे इस टेंशन में और
दुल्हन ड्राइवर के साथ विदा कैसे हो इस टेंशन में। लेकिन आदेश तो आदेश है, मानना ही पड़ेगा और वह भी कोरोना संकट के समय दिया गया आदेश जिस की अवहेलना पर आप पर एपिडेमिक एक्ट के तहत कार्यवाही हो सकती है। तो अगर आप भी इस समय शादी के बारे में सोच रहे हैं और ग्वालियर जाकर दुल्हन विदा कराना है तो एक बार दुबारा जरूर सोच लीजिये, क्योंकि अगर आप शादी करते हैं तो आपकी दुल्हन की विदाई आपके नहीं, आपके ड्राइवर के साथ होगी।