ग्वालियर।अतुल सक्सेना।
भारतीय जनता पार्टी के दिग्गज नेता, केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के करीबी और पूर्व साडा अध्यक्ष जय सिंह कुशवाह के कांग्रेस में जाने की अटकलों से पार्टी सकते में आ गई है। पार्टी आप अब उनकी नाराजगी दूर करने की कोशिश कर रही है। मुख्यमंत्री और पार्टी प्रदेश अध्यक्ष ने उन्हें भोपाल बुलाया है जहाँ आज इनकी मुलाकात होगी।
पिछले चार दशक से ज्यादा लंबे समय से ग्वालियर में सक्रिय वरिष्ठ नेता एवं साडा के पूर्व अध्यक्ष जय सिंह कुशवाह पिछले कुछ समय से पार्टी से नाराज चल रहे हैं। वजह है कि वे लंबे समय से विधानसभा टिकट की मांग कर रहे हैं लेकिन पार्टी ने उनपर कभी भरोसा नहीं जताया। जिस ग्वालियर पूर्व विधानसभा से जय सिंह कुशवाह टिकट चाहते हैं पार्टी ने 2008 में उसमें अनूप मिश्रा को प्रत्याशी बनाया, हालांकि जय सिंह ने बाहरी प्रत्याशी का विरोध किया लेकिन पार्टी ने फैसला नहीं बदला, 2013 में पार्टी ने माया सिंह को प्रत्याशी बनाया। जय सिंह कुशवाह ने 2018 में फिर टिकट मांगा लेकिन पार्टी ने सतीश सिंह सिकरवार को प्रत्याशी बना दिया लेकिन वे चुनाव हार गए अब चूंकि इस विधानसभा से कांग्रेस के टिकट पर जीते मुन्नालाल गोयल भाजपा में शामिल ही गए हैं और उनका टिकट भाजपा ने फाइनल कर दिया है तो जय सिंह कुशवाह की उम्मीदें फिर धूमिल हो गई।
इतना ही नहीं बीते मई महीने में पार्टी ने पार्टी नेताओं से चर्चा किये बिना जिला महामंत्री कमल माखीजानी को उनके एक विवादित वीडियो और विवादित बयान के बाद भी जिला अध्यक्ष बना दिया। जय सिंह कुशवाह ने पूर्व जिला अध्यक्ष देवेश शर्मा, जिला कार्यकारिणी के विशेष आमंत्रित सदस्य डॉ उपेंद्र सिंह तोमर सहित अन्य पार्टी पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं(अधिकांश नरेंद्र सिंह तोमर समर्थक) के साथ इसका खुलकर विरोध शुरू कर दिया और ऐलान किया कि जब तक पार्टी फैसला नहीं बदलती कोई भी कार्यकर्ता संगठन का काम नहीं करेगा । खास बात ये है कि इस घोषणा का पार्टी पर कोई असर नहीं हुआ । गृह मंत्री डॉ नरोत्तम मिश्रा, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान इस दौरान कई बार ग्वालियर आये लेकिन किसी ने नाराज लोगों से चर्चा भी नहीं की।
पार्टी और संगठन द्वारा लगातार उपेक्षित किये जाने से नाराज जय सिंह कुशवाह से कांग्रेस नेताओं ने संपर्क किया और इस संपर्क के बाद पिछले दिनों गुरुवार को जय सिंह कुशवाह ने भोपाल जाकर पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ से मुलाकात की। मुलाकात का पता चलते ही मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा ने फोन पर बात कर अगले दिन मुलाकात का समय दिया। लेकिन अगले दिन इनकी मुलाकात नहीं हुई उल्टा जय सिंह कुशवाह और दिग्विजय सिंह की मुलाकात हो गई। इन मुलाकातों के बाद पार्टी और संगठन सकते में आ गया । उसे लगा कि पिछले दिनों ब्राह्मण नेता बालेंदु शुक्ला के बाद अब क्षत्रिय नेता जय सिंह कुशवाह ने भी पार्टी छोड़ दी तो इसका नुकसान पार्टी को उस चुनावों में हो सकता है।
सोमवार को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और प्रदेश अध्यक्ष अन्य वरिष्ठ साथियों के साथ अल्प प्रवास पर ग्वालियर में थे। उन्होंने जय सिंह कुशवाह को संदेश भिजवाया और मंगलवार को भोपाल में आकर मिलने के लिए कहा। मुख्यमंत्री और प्रदेश अध्यक्ष का संदेश मिलने के बाद जय सिंह कुशवाह आज मंगलवार की अल सुबह भोपाल के लिए निकल गए जहाँ उनकी मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा से मुलाकात होगी। माना जा रहा है कि यदि पार्टी जय सिंह को कोई ऑफर देकर साडा या किसी अन्य निगम मंडल का अध्यक्ष बनाकर मना लेती है तो ठीक गई वरना जय सिंह कुशवाह कांग्रेस में शामिल हो सकते हैं गौरतलब है किपूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ और दिग्विजय सिंह से मुलाकातों के बाद जय सिंह कुशवाह ने एमपी ब्रेकिंग न्यूज़ से बात करते हुए कहा था कि राजनीति में हमेशा सभी विकल्प खुले रहते हैं। अब देखना ये होगा कि बालेंदु शुक्ला की तरह जय सिंह कुशवाह भाजपा छोड़ते हैं या पार्टी में ही बने रहकर चुनावों में काम करते हैं
यहाँ बता दें कि जय सिंह कुशवाह के नाम से अभी कुछ देर पहले ही व्हाट्स एप पर मीडिया का ग्रुप बनाया गया है जिससे अटकलें तेज हो हैं कि जय सिंह कुशवाह कुछ नया करने वाले हैं।