ग्वालियर/अतुल सक्सेना
भारतीय जनता पार्टी के दिग्गज नेता प्रदेश के लोक निर्माण विभाग के मंत्री गोपाल भार्गव ने पूर्व मुख्यमंत्री एवं कांग्रेस सांसद दिग्विजय सिंह के ट्वीट पर चुटकी लेते हुए कहा है कि शायद उन्हें अपने भृष्टाचार के दिन याद आ रहे हैं। इसीलिए हर समय इस तरह की बात करते हैं। पहले वे अपने कार्यकाल की जांच करायें फिर दूसरे की मांग करें।
ग्वालियर में केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के छोटे भाई के निधन पर शोक जताने आये कैबिनेट मंत्री गोपाल भार्गव ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि कांग्रेस अब अपने उन्हीं साथियों को बिकाऊ कह रही है जिन्हें उसने टिकट देकर जितवाया। जब तक वे उनके साथ थे ईमानदार थे और यदि किसी विचारधारा से प्रभावित होकर उन्होंने पार्टी छोड़ दी और भाजपा में आ गए तो बिकाऊ हो गए। मेरा मानना है कि अपने ही पुराने साथियों को कलंकित करने का काम कांग्रेस ही कर सकती है ये उसकी संस्कृति है, ये बिकाऊ शब्द कहाँ से आया, राजनीति में कोई बिकाऊ नहीं होता । हमारी पार्टी में आये जन प्रतिनिधि भाजपा के विकास के प्रति समर्पण को देखकर आये हैं, पार्टी कि विचारधारा और मोदी ही से प्रभावित होकर आये हैं। ये दूध में शक्कर की तरह घुल गए हैं।
पूर्व मंत्री डॉ गोविंद सिंह के कांग्रेस पार्टी में आत्मीयता खत्म होने के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए गोपाल भार्गव ने कहा कि ये आत्म अवलोकन और आत्म चिंतन का विषय है, लेकिन ये आत्म चिंतन सिर्फ डॉ गोविंद सिंह को नहीं कम चाहिए उनकी पार्टी के हाई कमान को इसकी चिंता करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि कांग्रेस की जीत में इसी ग्वालियर चंबल अंचल की महाविजय भी शामिल है लेकिन जिस वरिष्ठ और प्रभावशाली नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया के कारण ये जीत मिली पार्टी उन्हें ही नहीं संभाल पाई। तो अब हम क्या कर सकते हैं।
कैबिनेट मंत्री गोपाल भार्गव ने दिग्विजय सिंह के उस ट्वीट पर चुटकी लेते हुए पलटवार किया है जिसमें दिग्विजय सिंह ने संघ प्रमुख मोहन भागवत से शिवराज सिंह और उनके मंत्रियों के भृष्टाचार की गुप्त रिपोर्ट कार्यकर्ताओं से मंगवाने की अपील की है। गोपाल भार्गव ने कहा कि पहले दिग्विजय सिंह अपने कार्यकाल की जांच करा लें । अभी मंत्रिमंडल बने कितना समय हुआ है कुछ मंत्री तो पहली बार ही मंत्री बने है, कुछ ने तो कार्य भार भी नहीं लिया और दिग्विजय सिंह को भृष्टाचार दिखाई देने लगा है जांच की मांग कर रहे हैं, शायद उन्हें अपना भृष्टाचार याद आ रहा है। वे अपने जेहन में झांकें उनकी सरकार ने वल्लभ भवन को दलालों का अड्डा बना दिया था, लूट मचा रखी थी। सवा साल में सब बर्बाद कर दिया।