ग्वालियर।अतुल सक्सेना | भारतीय जनता पार्टी (BJP) के ग्वालियर महानगर अध्यक्ष कमल माखीजानी की नियुक्ति से भाजपा में फूट पड़ गई है। पूर्व जिला अध्यक्ष सहित पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने इसके खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। एक गार्डन में बैठक कर करीब पचास वरिष्ठ नेताओं ने इस पर चर्चा की और इसे प्रदेश संगठन महामंत्री और ग्वालियर (Gwalior) सांसद की हठधर्मिता बताते हुए राष्ट्रीय अध्यक्ष को हस्ताक्षरयुक्त शिकायती पत्र भेजा है।
ग्वालियर महानगर भाजपा जिला महामंत्री कमल माखीजानी को पार्टी ने 9 मई को ग्वालियर महानगर का अध्यक्ष बना दिया। प्रदेश अध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा (State President Vishnu Dutt Sharma) और प्रदेश संगठन महामंत्री सुहास भगत (Suhas Bhagat) के निर्देश पर ग्वालियर सांसद विवेक नारायण शेजवलकर की सहमति से ये नियुक्ति की गई। इस नियुक्ति के बाद पार्टी में विरोध शुरू हो गया। चाल,चरित्र, चेहरे की बात करने वाली पार्टी में अनुशासन तार तार होने लगा। अंदर ही अंदर पार्टी के नेताओं में विरोध पनपने लगा जिसका खुलासा आज हो गया। सोमवार को पूर्व जिला अध्यक्ष देवेश शर्मा सहित पार्टी के करीब पचास वरिष्ठ नेता मंगल वाटिका में इकट्ठा हुए और एक सुर में इस नियुक्ति का विरोध किया।
सांसद ने अपने ख़ास को बनाया अध्यक्ष
पार्टी नेताओं ने कहा कि ये नियुक्ति पार्टी की परंपरा के विरुद्ध है। अध्यक्ष बनाये जाने से पहले जिले के वरिष्ठ नेताओं से चर्चा की जाती है लेकिन सांसद विवक शेजवलकर ने अपने रिश्तेदार प्रदेश संगठन महामंत्री सुहास भगत के पास सीधे कमल माखीजानी का नाम भेज दिया और अध्यक्ष बनवा दिया। पार्टी नेताओं ने दावा किया कि अध्यक्ष के लिए पार्टी के तरफ से तीन नाम दिये गए थे जिनमे शरद गौतम, रामेश्वर भदौरिया और राकेश जादौन के नाम शामिल थे। ये तीनों ही भाजपा के वरिष्ठ नेता हैं लेकिन पार्टी और कार्यकर्ताओं की राय को दरकिनार कर सांसद विवेक शेजवलकर ने अपने खास कमल माखी जानी को जिला अध्यक्ष बनवा दिया। इस मीटिंग में जिला अध्यक्ष देवेश शर्मा के अलावा साडा के पूर्व अध्यक्ष जयसिंह कुशवाह, शरद गौतम, रामेश्वर भदौरिया, अशोक जादौन, वेद प्रकाश शिवहरे, भरत दांतरे, महेश उमरैया, अशोक जैन, डॉ राकेश रायजादा, अरुण सिंह तोमर, डॉ उपेंद्र सिंह तोमर सहित कई अन्य नेता शामिल हुए। सभी ने इस नियुक्ति के खिलाफ एक सुर में आवाज उठाई।
सुहास भगत की शिकायत
बैठक में आम सहमति बनने के बाद एक शिकायती पत्र ज्ञापन के रूप में लिखकर राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, प्रदेश प्रभारी विनय सहस्त्रबुध्दे, प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा सहित अन्य वरिष्ठ पदाधिकारियों को भेजा गया। पत्र में लिखा गया कि ग्वालियर पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी, राजमाता विजया राजे सिंधिया की कर्मभूमि रही है। ऐसे ही लोगों के कारण ये भाजपा का गढ़ रहा है। यहाँ हमेशा से वरिष्ठ नेताओं और कार्यकर्ताओं की बात सुनी जाती है और उसकी भावना की कद्र होती है। लेकिन पिछले तीन चार साल से वरिष्ठ नेताओं और कार्यकर्ता की बात को नजरअंदाज किया जा रहा है। पत्र में आरोप लगाए गए कि जब से प्रदेश संगठन महामंत्री सुहास भगत बने हैं तब से संगठन में उनका बहुत हस्तक्षेप है। पिछले चुनाव में संभागीय संगठन मंत्री आशुतोष तिवारी , प्रदेश संगठन महामंत्री सुहास भगत और सह संगठन मंत्री अतुल राय ने टिकट वितरण में मनमानी की और परिणाम सबके सामने है।इन सभी पर टिकट बेचने के आरोप लगे जिसके बाद अतुल राय को हटा दिया गया लेकिन सुहास भगत के खिलाफ संगठन ने कोई एक्शन नहीं लिया। और आज फिर सुहास भगत ने जिला अध्यक्ष के नियुक्ति में मनमानी की और अपने रिश्तेदार सांसद विवेक शेजवलकर की पसंद को तबज्जो दी। पत्र में सुहास भगत की शिकायत करते हुए नेताओं ने कहा कि ये जब भी शहर में आते हैं बड़े बड़े होटल में ठहरते हैं और कार्यकर्ता से दूरी बनाते हैं। इनसे सीधे संपर्क वाले कार्यकर्ता ही इनसे मिल पाते हैं।
कार्यकर्ता को गाली देने वाला जिला अध्यक्ष बर्दाश्त नहीं
पत्र में कहा गया कि नियुक्ति के एक दिन पर्व ही कमल माखीजानी ने माधौगंज थाने के टी आई पर नियम विरुद्ध कार्य करने का दबाव बनाया था और जब टी आई ने मना किया तो उस बहन की गाली दी जिसकी ऑडियो रिकॉर्डिंग वायरल हुई और मीडिया में पार्टी की बदनामी हुई वीडियो वायरल होने के बाद जिला महामंत्री कमल माखीजानी ने ये कहते हुए टी आई माफ़ी मांग ली कि मैंने गाली आपको नहीं दी थी अपने कार्यकर्ता को दी थी। इतना ही नहीं थाने जाकर उन्होंने टी आई को फूलमाला भी पहनाई। इस घटना के तुरंत बाद अगले दिन प्रदेश अध्यक्ष और प्रदेश संगठन महामंत्री ने कमल माखीजानी को जिला अध्यक्ष बना दिया। जिससे पार्टी के सभी नेता। अचंभित हैं। पत्र में ये भी कहा गया कि ये नियुक्ति हाल ही में होने वाले उपचुनाव को ध्यान में रखते हुएभी नहीं की गई। नेताओं ने पत्र के अंत में लिखा कि यदि शीघ्र ही जिला अध्यक्ष को नहीं बदला गया और सुहास भगत के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई तो पार्टी के कार्यकर्ता आगामी निर्णय लेने के लिए स्वतंत्र होंगे। बैठक में शामिल भाजपा जिला कार्य कारिणी के विशेष आमंत्रित सदस्य डॉ उपेंद्र सिंह तोमर ने एमपी ब्रेकिंग न्यूज़ से कहा कि कार्यकर्ता को गाली देने वाले जिला अध्यक्ष को बर्दाश्त नहीं किया जायेगा। उन्होंने कहा कि ये नियुक्ति उप चुनाव को देखते हुए भी पार्टी हित में नहीं है। बहरहाल अनुशासन को सर्वोपरि रखने वाली भाजपा विरोध खुलकर सबके सामने आ गया है अब देखना ये होगा कि पार्टी का वरिष्ठ नेतृत्व क्या फैसला लेता है।
मुझे अभी कोई जानकारी नहीं है, हम सब मिलकर पार्टी को मजबूत करेंगे : कमल
नवनियुक्त जिला अध्यक्ष कमल माखीजानी ने एमपी ब्रेकिंग न्यूज़ से बात करते हुए कहा कि मुझे अभी इस तरह के किसी पत्र की जानकारी नहीं है। मेरे पास ये विषय आया नहीं है। उन्होंने कहा कि ये सब कार्यकर्ता हमारे परिवार के सदस्य हैं हम पहले भी एक साथ काम करते थे वर्षों से करते आये हैं और आगे भी साथ रहेंगे और पार्टी को मजबूत करेंगे। कमल माखीजानी ने कहा कि हम सब आने वाले उप चुनाव में मिलकर काम करेंगे और चुनाव में पार्टी जो जीत दिलाएंगे।