Wed, Dec 31, 2025

प्रदेश का पहला ड्रोन स्कूल शुरू, सीएम शिवराज ने सिंधिया के साथ उड़ाया ड्रोन, कही बड़ी बात

Written by:Atul Saxena
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प्रदेश का पहला ड्रोन स्कूल शुरू, सीएम शिवराज ने सिंधिया के साथ उड़ाया ड्रोन, कही बड़ी बात

ग्वालियर, अतुल सक्सेना। मध्य प्रदेश के पहले ड्रोन स्कूल (MP First Drone School)  का उद्घाटन आज गुरुवार 10 मार्च को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (CM Shivraj Singh Chauhan) ने ग्वालियर (Gwalior News) के माधव इंस्टीट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी एन्ड साइंस (MITS ) कॉलेज में किया।  उन्होंने कहा कि आत्मनिर्भर मध्य प्रदेश बनाने के लिये सरकार सभी दिशाओं में काम कर रही है। इस दिशा में प्रदेश में ड्रोन तकनीक को भी प्रमुखता से अपनाया गया है। हम मध्य प्रदेश को ड्रोन तकनीक के इस्तेमाल में नम्बर वन राज्य बनायेंगे। कार्यक्रम में केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया (Jyotiraditya Scindia), केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह (Narendra Singh Tomar) तोमर विशेष रूप से मौजूद थे।

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने MITS कॉलेज में ड्रोन स्कूल व बॉयज हॉस्टल के उदघाटन और सम्मान समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि खुशी की बात है केन्द्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया की पहल पर प्रदेश में पांच ड्रोन स्कूल खुलने जा रहे हैं, इनमें से आज पहले स्कूल का शुभारंभ ग्वालियर में हो गया है। प्रदेश सरकार ने नई स्टार्टअप नीति बनाई है। जिसके तहत युवाओं के नवाचारों को धरातल पर लाने में सरकार भरपूर आर्थिक और तकनीकी मदद मुहैया करायेगी। उन्होंने कहा कि इंदौर के विद्यार्थियों ने नए – नए स्टार्टअप शुरू कर 800 से लेकर एक हजार करोड़ तक की कंपनियाँ विकसित कर ली हैं। सरकार की स्टार्टअप नीति का लाभ उठाकर ग्वालियर के युवा भी नए-नए स्टार्टअप खड़े कर सकते हैं। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने दोहराया कि हमारा संकल्प है कि प्रदेश के युवा नौकरी मांगने वाले नहीं नौकरी देने वाले बनें।

ड्रोन कृषि नीति का लाभ उठाकर आत्मनिर्भर बनने के लिये युवा आगे आएं – कृषि मंत्री तोमर 

केन्द्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री  नरेन्द्र सिंह तोमर ने कहा कि देश में कृषि के क्षेत्र में ड्रोन तकनीक को विशेष बढ़ावा दिया जा रहा है। निकट भविष्य में इस तकनीक के इस्तेमाल से क्रांतिकारी प्रगति सामने आयेगी। उन्होंने कहा भारत सरकार के कृषि विभाग ने ड्रोन नीति जारी कर दी है, जिसके तहत 12वीं पास बच्चे 4 लाख रूपए तक का अनुदान प्राप्त कर ड्रोन पायलट के रूप में अच्छा रोजगार पा सकते हैं। इसी तरह यदि कृषि स्नातक ड्रोन तकनीक की कोई इकाई स्थापित करना चाहते हैं तो वह पाँच लाख तक का अनुदान पा सकते हैं। इसके अलावा संस्थान भी कृषि की ड्रोन नीति के तहत 100 प्रतिशत तक अनुदान प्राप्त कर सकते हैं। कृषि मंत्री श्री तोमर ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को मकान का मालिकाना हक दिलाने में ड्रोन तकनीक महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। इसी तरह टिड्डी दल के आक्रमण को असफल करने में ड्रोन तकनीक क्रांतिकारी साबित हुई है।

ड्रोन स्कूलों के जरिए साल भर में ढ़ाई हजार ड्रोन पायलट तैयार होंगे – नागरिक उड्डयन मंत्री सिंधिया

केन्द्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का सपना है कि भारत किसी भी देश का फोलोअर नहीं लीडर बने। इसी संकल्पना को साकार करने के लिये ड्रोन को गाँव-गाँव व घर-घर में पहुँचाने के प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि गत 11 दिसम्बर को प्रदेश में पाँच ड्रोन स्कूल खोलने की घोषणा की गई थी। खुशी की बात है मात्र 90 दिन के भीतर सभी औपचारिकताएं पूरा करने के बाद आज ग्वालियर में पहला ड्रोन स्कूल शुरू हो गया है। श्री सिंधिया ने बताया कि इस ड्रोन स्कूल में हर माह 40 से 50 बच्चों को ड्रोन तकनीक में प्रशिक्षित किया जायेगा। इस प्रकार साल भर में लगभग 500 युवा ड्रोन पायलट तैयार होंगे। ड्रोन पायलट का प्रशिक्षण प्राप्त युवा हर माह औसतन 30 हजार रूपए की आय आसानी से अर्जित कर पायेंगे। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश के पाँचों ड्रोन स्कूल शुरू होने पर साल भर में लगभग ढ़ाई हजार ड्रोन पायलट तैयार होंगे। श्री सिंधिया ने खुशी जाहिर करते हुए कहा कि मध्यप्रदेश वर्तमान में ड्रोन तकनीक के इस्तेमाल में देशभर के अग्रणी राज्यों में से एक है।

ड्रोन उड़ाकर किया ड्रोन स्कूल का शुभारंभ

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने एमआईटीएस मैदान में रिमोट के जरिए ड्रोन उड़ाकर प्रदेश के पहले ड्रोन स्कूल का शुभारंभ किया। इस अवसर पर केन्द्रीय मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर व ज्योतिरादित्य सिंधिया, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष वी डी शर्मा, प्रदेश सरकार की मंत्री श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया, तुलसीराम सिलावट,  गोविंद सिंह राजपूत, डॉ. प्रभुराम चौधरी तथा सांसद  विवेक नारायण शेजवलकर सहित राज्य सरकार के अन्य मंत्रिगण मौजूद थे।