ग्वालियर, अतुल सक्सेना। ग्वालियर पुलिस (Gwalior News) ने दो गांजा तस्कर (Ganja Smugglers) को गिरफ्तार कर उनके कब्जे से 22 किलो गांजा जब्त किया है। जब्त किये गए गांजे की कीमत 2 लाख रुपये से अधिक बताई जा रही है। गिरफ्तार तस्कर उड़ीसा ले गांजा लेकर ग्वालियर आ रहे थे जिन्हें डबरा में पकड़ लिया गया।
जानकारी के अनुसार पुलिस को सूचना मिली थी कि दो संदिग्ध युवक डबरा रेलवे स्टेशन पर ट्रेन से उतरकर बैग में अवैध मादक पदार्थ लिए हुए स्टेशन रोड, सराफा के पीछे खड़े हैं। सूचना मिलते ही पुलिस अधीक्षक अमित सांघी ने एडिशनल एसपी क्राइम राजेश दंडोतिया और एडिशनल एसपी ग्रामीण जयराज कुबेर को थाना डबरा व क्राइम ब्रांच की टीम बनाकर बदमाशों को पकड़ने के निर्देश दिए।
एडिशनल एसपी क्राइम राजेश दंडोतिया ने बताया कि वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देश पर टीआई डबरा सिटी थाना विनायक शुक्ला व टीआई क्राइम ब्रांच थाना दामोदर गुप्ता के नेतृत्व में पुलिस टीम को मुखबिर के बताये स्थान पर भेजा गया। पुलिस टीम ने डबरा स्टेशन पर आरपीएफ से समन्वय स्थापित कर आरपीएफ के साथ संयुक्त टीम बनाकर मुखबिर के बताये स्थान डबरा रेलवे स्टेशन सराफा के पीछे जाकर देखा तो वहां खडे 02 संदिग्ध व्यक्ति बैग लिये हुए खडे दिखे।
पुलिस को देखकर दोनों संदिग्धों ने भागने का प्रयास किया गया। परन्तु पुलिस ने घेराबंदी कर दोनों को दबोच लिया। पूछताछ करने पर उन्होंने अपने आप को दिल्ली व आगरा का रहने वाला बताया। पकड़े गये दोनों गांजा तस्करों ने पूछताछ में बताया कि वह उड़ीसा से ग्वालियर गांजा लाये थे व उसे रेलवे स्टेशन पर मौजूद आरपीएफ पुलिस के द्वारा पकड़े जाने के डर से वह स्टेशन रोड, सराफा के पीछे आ गये थे और गांजा बेचने के लिये स्थानीय खरीददार की तलाश कर रहे थे।
दोनों संदिग्ध व्यक्तियों की तलाशी लेने पर उनकी पेंट की जेब से 03 मोबाइल व 2,200/- रूपये नगद व उनके पास मिले बैगों को में गांजा भरा मिला, तौल करने पर कुल 22 किलो गांजा मिला (जिसकी कीमत लगभग 02 लाख 20 हजार रुपये है) जिसे पुलिस ने जब्त कर लिया। दोनों आरोपियों के खिलाफ धारा 8/20 एनडीपीएस का प्रकरण दर्ज कर लिया गया है।
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Atul Saxena
पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....
पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....