मध्य प्रदेश की डॉ मोहन यादव सरकार को धर्म के प्रति बहुत अधिक आस्था रखने वाली सरकार माना जाता है, पिछले दिनों लगातार धार्मिक आयोजनों में वृद्धि, पुराने मंदिरों वाले परिसर में लोक का निर्माण की घोषणा, पुजारियों, संतों को सम्मानित करना सरकार की मंशा को प्रमाणित भी करता है, लेकिन इसी सरकार में पुजारी और महंत धरने पर बैठे और प्रशासन पर गंभीर आरोप लगायें तो ये एक गंभीर मामला है।
दरअसल मामला ग्वालियर जिले का है, आज सावन के पहले सोमवार को जिले के पुजारी और महंत एकजुट होकर कलेक्ट्रेट पहुंचे, वो यहाँ एक ज्ञापन देने आये थे जिसमें उनकी मंदिर पेटे की चरनोई की भूमि को निजी लोगों को बेचे जाने के आरोप थे।
प्रशासन पर जिले के मंदिरों की जमीनें बेचने के आरोप लगाये
पुजारियों ने आरोप कि ग्वालियर जिले के चीनौर, डबरा आदि क्षेत्रों में वर्षों पुराने मंदिरों की जमीनों को तहसीलदार निजी लोगों को बेचने का काम कर रहे हैं जबकि वो जमीन पुजारियों की है चरनोई की है, सरकार भी कहती है कि चरनोई को भूमि निजी लोगों को नहीं दी जा सकती।
पुजारियों ने दी अनिश्चितकालीन धरने की चेतावनी
पुजारियों ने प्रशासनिक अधिकारियों को मिलकर ज्ञापन देने का प्रयास किया लेकिन उनसे मिलने कोई नहीं आया तो फिर वे धरने पर बैठ गए, पुजारी और महंतों ने वहां शंख और घंटे बजाकर प्रशासन को जगाने का प्रयास किया और रामधुन गाकर सद्बुद्धि की कामना की, पुजारियों ने कहा कि हम तब तक धरने से नहीं उठेंगे जबतक हमें ये भरोसा नहीं हो जाता कि मंदिर की जमींने कोई नहीं छीनेगा।
ग्वालियर से अतुल सक्सेना की रिपोर्ट





