ग्वालियर, अतुल सक्सेना। भोपाल (Bhopal) के नीलम पार्क में धरने पर बैठकर प्रदर्शन कर रहे कोविड-19 (COVID-19) में काम करने वाले स्वास्थ्यकर्मियों पर पुलिस के लाठीचार्ज (Police lathicharge) का मुद्दा गरमा गया है। AIDYO ने इसके विरोध में पूरे प्रदेश में प्रदर्शन किये। उन्होंने मांग जिन स्वास्थ्यकर्मियों(Health Workers को गिरफ्तार किया गया है, उन्हें रिहा किया जाए और इन पर लादे गए मुकदमे वापस लिए जाएं।
ऑल इंडिया डेमोक्रेटिक यूथ ऑर्गेनाइजेशन (All India Democratic Youth Organization) ने शुक्रवार (Friday) को ग्वालियर (Gwalior) के फूलबाग चौराहे पर प्रदर्शन (Protest) किया। प्रदर्शन करने वालों का कहना था कि जिन्हें सरकार ने कोरोना वारियर्स कहा, माला पहनाकर जिनका सम्मान किया, जिनके सम्मान में थाली पिटवाई। आज उन पर ही लाठी पीटी जा रही हैं। जिन स्वास्थ्यकर्मियों ने कोरोना के उस काल में सरकार की मदद की और समाज की सेवा की आज उन्हें नौकरी(job) से निकाला जा रहा है।
AIDYO की प्रदेश अध्यक्ष रचना अग्रवाल ने कहा कि पुलिस (Bhopal Police) ने नीलम पार्क भोपाल में बैठे स्वास्थ्यकर्मियों पर बेजा लाठीचार्ज किया उसने ये भी नहीं देखा कि जिन महिलाओं पर उसने लाठी बरसाईं उनमें कुछ प्रेग्नेंट भी है। पुलिस और प्रशासन (Police and Administration) का ये कृत्य निंदनीय है। रचना अग्रवाल ने मांग की कि जिन स्वास्थकर्मियों को गिरफ्तार किया गया है उन्हें तत्काल रिहा किया जाए और सभी पर लादे गए मुकदमें वापस लिए जाएं। शिवराज सरकार (Shivraj Government) यदि ये मांग नहीं मानेगी तो AIDYO प्रदेश में बड़ा आंदोलन (Big movement) करेगी।