ग्वालियर, अतुल सक्सेना। साहब! रॉयल आदमी हूं सिर्फ रॉयल बाइक ही चुराता हूं, यह कहना है शातिर बुलेट चोर का, जिसे महाराजपुरा पुलिस ने डीडी नगर में धर दबोचा है। पुलिस को मिली जानकारी के अनुसार बुलेट चोर श्याम गुर्जर और बाजना गुर्जर निवासी मुरैना, डीडी नगर में बुलेट गाड़ी को ठिकाने लगाने के लिए आए थे। जब इसकी जानकारी महाराष्ट्र पुलिस को मिली तो सीएसपी महाराजपुरा की अवगानी में इलाके की घेराबंदी कर पुलिस में इन दोनों शातिर चोरों को पकड़ लिया।
जब पुलिस ने इन चोरों से पूछताछ की तब उन्होंने बताया की हम रॉयल चोर हैं हर गाड़ी की चोरी नहीं करते सिर्फ रॉयल गाड़ियां ही चुराते हैं। हमें इन गाड़ियों की अच्छी खासी कीमत बाजार में मिल जाती है। सबसे अच्छी बात यह है की बुलेट पर लोग नंबर लिखाना भी पसंद नहीं करते और इसलिए हमारा काम और भी आसान हो जाता है। पूछताछ के दौरान चोरों ने मुरैना और ग्वालियर में कई अन्य वारदातों का भी खुलासा किया।
पुलिस द्वारा जब इन चोरों से गाड़ी चुराने का तरीका पूछा गया तब दोनों ने बताया कि मात्र 20 सेकंड में हम बुलेट का लॉक तोड़ सकते हैं। इतना ही नहीं दरोगा के कहने पर श्याम गुर्जर ने बुलेट चोरी का पुलिस के सामने डेमो भी दिखा दिया जिसके बाद उसका यह वीडियो पुरे सोशल मीडिया पर वायरल हो गया और लगभग 300000 लोगों तक पहुंच गया।
हैरानी की बात तो तब हुई जब महाराजपुरा थाने का यह वीडियो यूपी के बहुचर्चित आईपीएस ऑफिसर नवनीत सेकरा ने अपनी फेसबुक पर पोस्ट किया। वीडियो के साथ उन्होंने कैप्शन लिखा कि ” दरोगा की बाइक ले गया चोर” । वीडियो में साफ तौर पर देखा जा सकता है कि किस तरह यह चोर बुलेट की सीट पर बैठ कर एक पैर हैंडल पर रख जोर से धक्का देता है और खट की आवाज के साथ लॉक टूट जाता है। उसके बाद यह अपने दांतो से तार को काटकर गाड़ी को डायरेक्ट कर देता है और सेल्फ बटन से गाड़ी चालू हो जाती है। इसे यह पूरा काम करने में मात्र 20 मिनट का समय लगता है जिसे देखकर वहां खड़े सभी पुलिसकर्मी हैरान हो जाते हैं।
एक ओर ये विडियो इतनी महंगी गाड़ी की सुरक्षा पर सवालिया निशान खड़ा करता है, वहीं दूसरी ओर एक बात और ज़हन में आती है कि आखिर महाराजपुर थाने का यह वीडियो कब और कैसे वायरल हुआ और सेकरा की फेसबुक वॉल पर आ गया। हालांकि इस मामले में सीएसपी महाराजपुरा रवि भदौरिया का कहना है कि अब तक तीन बुलेट बरामद की गई हैं, बुलेट चोर भी पकड़े गए हैं और इनसे पूछताछ अभी चालू है।
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Gaurav Sharma
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इसलिए पं. कमलापति त्रिपाठी ने लिखा है कि," ज्ञान और विज्ञान, दर्शन और साहित्य, कला और कारीगरी, राजनीति और अर्थनीति, समाजशास्त्र और इतिहास, संघर्ष तथा क्रांति, उत्थान और पतन, निर्माण और विनाश, प्रगति और दुर्गति के छोटे-बड़े प्रवाहों को प्रतिबिंबित करने में पत्रकारिता के समान दूसरा कौन सफल हो सकता है।