ग्वालियर, अतुल सक्सेना। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (CM Shivraj Singh Chauhan) कोरोना को नियंत्रित करने के लिए हरसंभव कोशिश कर रहे हैं वे लगातार सरकार के मंत्रियों, प्रशासनिक अधिकारियों और प्रदेश की जनता को कोविड अनुकूल व्यवहार अपनाने यानि सोशल डिस्टेंसिंग रखने और मास्क लगाने की अपील कर रहे हैं लेकिन ग्वालियर में सोमवार को अजीब ही नजारा देखने को मिला। यहाँ वे ही लोग कोरोना प्रोटोकॉल (Corona Protocol) की धज्जियां उड़ाते दिखाई दिए जिनपर इसको नियंत्रित करने की ज्यादा जिम्मेदारी है।
भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने आज सोमवार को प्रभारी मंत्री तुलसीराम सिलावट (Minister in-charge Tulsiram Silawat) की मौजूदगी में दो कार्यक्रम किये। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) की सुरक्षा में पंजाब में हुई चूक के खिलाफ भाजपा नेताओं ने फूलबाग चौराहे पर मानव श्रंखला बनाई और धरना दिया।
यहाँ बता दें कि ग्वालियर में धारा 144 के तहत प्रतिबंधात्मक आदेश लागू है। यहां कोविड प्रोटोकॉल का पालन नहीं करने वाले के खिलाफ कार्यवाही के निर्देश हैं, जिला प्रशासन के अधिकारी बिना मास्क घूमने वालों का चालान कर रहे हैं लेकिन भाजपा ने आज सोमवार को दो कार्यक्रमों ने कोरोना प्रोटोकॉल के सबसे बड़े नियम सोशल डिस्टेंसिंग की जमकर धज्जियां उड़ाईं।
खास बात ये है कि पंजाब सरकार (Punjab Government) का विरोध करने के लिए बनाई गई मानव श्रंखला में भाजपा नेता एक दूसरे का हाथ पकडे रहे और धरने में सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां उड़ाते हुए एक दूसरे से चिपक कर बैठे रहे। बता दें कि इन दोनों ही कार्यक्रमों में जिले के प्रभारी मंत्री तुलसीराम सिलावट, सांसद विवेक नारायण शेजवलक सहित प्रदेश एवं जिला स्तर के पदाधिकारी और कार्यकर्ता शामिल हुए।
भाजपा के इस कार्यक्रम के बाद जब मीडिया ने प्रभारी मंत्री तुलसीराम सिलावट से कोरोना प्रोटोकॉल का पालन नहीं करने पर सवाल किया तो उन्होंने सामने दिख रही तस्वीरों को नकारते हुए कहा कि कहीं कोई कोरोना प्रोटोकॉल का उलंघन नहीं हुआ सभी ने मास्क पहना है और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन किया है। बहरहाल भाजपा के इस कार्यक्रम में कोरोना गाइड लाइन के उल्लंघन पर शहर के लोग नाराज है और कह रहे हैं जिन पर कोरोना नियंत्रण की जिम्मेदारी है वही इसे फ़ैलाने की कोशिश कर रहे हैं।
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Atul Saxena
पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....
पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....