भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती पर ग्वालियर में तीन दिवसीय स्वास्थ्य शिविर, AIIMS भोपाल का 200 सदस्यीय दल कर रहा इलाज

शिविर के एक दिन पहले ही ग्वालियर- चंबल संभाग के सभी जिलों सहित समीपवर्ती अन्य जिलों के लगभग 40 हज़ार मरीज पंजीकृत हो चुके हैं। साथ ही शिविर स्थल पर भी पंजीयन काउंटर बनाए गए हैं।

Atul Saxena
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Atal Bihari Vajpayee birth anniversary: पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी की 100 वीं जयंती पर ग्वालियर में सेवाभाव का मेला लगा है। लक्ष्मीबाई नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ़ फिजिकल एजुकेशन (LNIPE) परिसर में एम्स भोपाल (AIIMS Bhopal) के सहयोग से तीन दिवसीय निशुल्क स्वास्थ्य शिविर लगाया जा रहा है जिसकी शुरुआत आज से हो गई। शिविर में विभिन्न बीमारियों का इलाज विशेषज्ञ चिकित्सक कर रहे।


ग्वालियर सांसद भारत सिंह कुशवाह की पहल पर मध्य प्रदेश शासन द्वारा एम्स भोपाल, ग्वालियर जिला प्रशासन व नगर निगम के सहयोग से आयोजित हो रहे इस शिविर में सुबह से ही हज़ारों जरूरतमंद मरीज पहुँचना शुरू हो गए हैं।
शिविर में एम्स भोपाल से लगभग 150 विशेषज्ञ चिकित्सक एवं पैरा मेडीकल स्टाफ सहित लगभग 200 सदस्यीय दल शिविर में इलाज करने के लिए आया है।

AIIMS Bhopal के 22 विभागों के डॉक्टर कर रहे इलाज 

एम्स भोपाल के दल के साथ ग्वालियर के जेएएच एवं जिला चिकित्सालय सहित ग्वालियर जिले के स्वास्थ्य अमला मदद में लगा है। शिविर में ईको, ईसीजी, अल्ट्रासाउंड व लिवर जाँच सहित विभिन्न प्रकार की पैथोलोजिकल जाँचें निःशुल्क की जा रहीं हैं। एम्स के 22 विभागों के डॉक्टर जटिल व गंभीर बीमारियों का इलाज कर रहे हैं।

40 हज़ार से ज्यादा मरीजों का अब तक हो चुका पंजीयन

सांसद भारत सिंह कुशवाह सहित अन्य जनप्रतिनिधिगण एवं कलेक्टर श्रीमती रुचिका चौहान के नेतृत्व में जिला प्रशासन की टीम शिविर स्थल पर मौजूद है और सभी मरीजों की मदद में जुटे हैँ। शिविर के एक दिन पहले ही ग्वालियर- चंबल संभाग के सभी जिलों सहित समीपवर्ती अन्य जिलों के लगभग 40 हज़ार मरीज पंजीकृत हो चुके हैं। साथ ही शिविर स्थल पर भी पंजीयन काउंटर बनाए गए हैं।


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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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