ग्वालियर, अतुल सक्सेना। चलती ट्रेन में झांसी के व्यापारियों के साथ 60 लाख की ठगी करने वाले तीन पुलिस आरक्षकों को पुलिस अधीक्षक ने सेवा से अलग यानि बर्खास्त कर दिया है। गौरतलब है कि 17 जून को दो सराफा व्यापारी जबलपुर निजामुद्दीन ट्रेन में झाँसी से दिल्ली जाने के लिए S-2 कोच में बैठे थे। वे लोग झाँसी से कई सुनारों से पैसा लेकर दिल्ली जेवर खरीदने जा रह थे। उनके पास 60 लाख रुपये थे जिसे उन्होंने दो पिट्ठू बैग में 30-30 लाख कर रख लिया था। डबरा स्टेशन निकलने के बाद चार पांच लोग उनके कोच में आये और खुद को राजस्थान क्राइम ब्रांच का बताते हुए उनके दोनों बैग अपने कब्जे में ले लिए और आगरा में उतर गए।
पीड़ित व्यापारियों ने आगरा और ग्वालियर दोनों जगह मामला दर्ज करना की कोशिश की लेकिन बहुत प्रयासों के बाद ग्वालियर GRP में 2 जुलाई को ठगी का प्रकरण दर्ज कर लिया गया। उधर ग्वालियर क्राइम ब्रांच को भी सूचना मिल रही थी कि ट्रेन में इस तरह की वारदात हो रही है और इसमें निलंबित पुलिसकर्मी शामिल है। पुलिस ने क्राइम ब्रांच और GRP की एक संयुक्त टीम बनाई और रात में ही चार आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस को इनके कब्जे से 27 लाख रुपये बरामद हुए।
पूछताछ में पता चला कि आरोपी कोई और नहीं उनके ही विभाग के लोग हैं यानी पुलिस कर्मी हैं। गिरफ्तार चार आरोपियों में से एक RPF ग्वालियर का आरक्षक है, दो जिला पुलिस बल में पदस्थ आरक्षक हैं और 1 पांच साल पहले जिला पुलिस बल से निलंबित आरक्षक है जबकि इनका एक अन्य साथी जो इनके लिए इन्फॉर्मर का काम करता है और अभी फरार है।
घटना सामने आने के बाद एसपी अमित सांघी ने आरोपी आरक्षकों को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया। घटना की जाँच एडिशनल एसपी से करवाई और फिर उनकी जांच रिपोर्ट के आधार पर साइबर सेल आईजी कार्यालय में पदस्थ (निलंबित) आरक्षक अभिषेक तिवारी और विवेक पाठक एवं पूर्व से निलंबित आरक्षक सतेंद्र सिंह गुर्जर को पुलिस रेगुलेशन एक्ट के नियमों के आधार पर सेवा से अलग यानि बर्खास्त कर दिया।