Gwalior News : ग्वालियर का शासकीय भगवत सहाय कॉलेज पिछले तीन दिनों से राजनीति का अखाड़ा बना हुआ है, गुरुवार को अचानक यहाँ बड़ी संख्या में पहुंचे स्टूडेंट्स ने धरना देकर प्रिंसिपल को हटाने की मांग की, आरोप लगा कि धरना देने वालों में 90 प्रतिशत कॉलेज के छात्र थे ही नहीं, फिर भी शासन ने धरने के बाद अगले ही दिन शुक्रवार को प्रिंसिपल को हटा दिया, अब कॉलेज में पढ़ने वाले स्टूडेंट्स धरने पर बैठ गए हैं, उन्होंने आज कॉलेज के गेट पर ताला लगा दिया, उनका कहना है कि प्रिंसिपल सर के कारण कॉलेज में गुंडागर्दी, लड़कियों से छेड़छाड़ सब बंद हो गया था, सुविधाएँ बढ़ गई थी, बाहरी लड़कों का प्रवेश बंद हो गया था इसलिए उन्होंने धरना देकर उन्हें हटवा दिया, हम चाहते हैं कि उनकी वापसी हो , उधर गेट पर ताला लग जाने को प्रिंसिपल पूरे स्टाफ के साथ सड़क पर खड़े होना पड़ा ।
मप्र के ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर की विधानसभा में स्थित जिले का पुराना और प्रतिष्ठित कॉलेज डॉ भगवत सहाय कॉलेज में पिछले तीन दिनों से पढ़ाई की जगह धरना प्रदर्शन और राजनीति हो रही है और इसमें पिस रहा है वो स्टूडेंट्स जो वाकई में पढ़ना चाहता है, आज उनका धैर्य जवाब दे गया और वे धरने पर बैठ गए।
गुरुवार को कॉलेज में बड़ी संख्या में स्टूडेंट्स पहुंचे और जिंदाबाद मुर्दाबाद के नारों के बीच धरना देने लगे, कॉलेज स्टाफ ने पूछने की कोशिश की तो उन्हें विरोध का सही कारण समझ नहीं आया। धरना दे रहे स्टूडेंट्स प्रिंसिपल (प्रभारी) डॉ गिरीश शर्मा को हटाने की मांग करने लगे, हंगामे की सूचना पर पुलिस पहुंची और छात्रों को समझाइश दी, फिर कुछ देर के हंगामे के बाद स्टूडेंट्स चले गए।
धरना प्रदर्शन के बाद प्रिंसिपल डॉ शर्मा ने कहा कि प्रदर्शन करने वालों में 90 प्रतिशत बाहर के लोग थे इनमें कुछ पूर्व छात्र भी थे, कॉलेज के कुछ ही छात्र थे जो इनके साथ थे। उन्होंने कहा कि पुलिस ने जब धरना दे रहे स्टूडेंट्स के आईसी चैक किये तब ये बात सामने आई ।
खैर, छात्रों का धरना समाप्त हो गया लेकिन शुक्रवार को शासन ने तत्काल एक्शन लेते हुए प्रिंसिपल (प्रभारी ) डॉ गिरीश शर्मा को पद से हटा दिया। अतिरिक्त संचालक उच्च शिक्षा डॉ कुमार रत्नम ने आदेश निकाल कर डॉ गिरीश शर्मा को वापस उनके मूल पद स्थापना वाले स्थान साइंस कॉलेज वापस भेज दिया और साइंस कॉलेज के ही प्रोफ़ेसर राकेश कुमार श्रीवास्तव को डॉ भगवत सहाय कॉलेज का प्रिंसिपल (प्रभारी ) बना दिया।
प्रिंसिपल डॉ गिरीश शर्मा के ट्रांसफर से कॉलेज में पढ़ने वाले अधिकांश स्टूडेंट आक्रोशित हो गए, उन्होंने आज शनिवार को हंगामा कर दिया। प्रिसिपल शर्मा की वापसी की मांग को लेकर स्टूडेंट्स धरने पर बैठ गए इनमें लड़कियों की संख्या बहुत अधिक थी, स्टूडेंट्स ने कॉलेज गेट पर ताला लगा दिया और प्रिंसिपल शर्मा सहित पूरे स्टाफ को बाहर कर दिया।
आक्रोशित स्टूडेंट्स का कहना था कि जब से गिरीश शर्मा सर प्रिंसिपल बनकर आये हैं तब से कॉलेज में बहुत सुधार हुआ है, गुंडागर्दी बंद हुई है , अनुशासन बढ़ा है, नियमित पढ़ाई हो रही है इसलिए उन स्टूडेंट्स को अधिक परेशानी हो रही है जो यहाँ पढ़ने नहीं आते।
स्टूडेंट्स ने गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि प्रिंसिपल सर 6 महीने पहले ही आये हैं और उनको हटा दिया, उनके आने से पहले यहाँ बाहरी तत्व और ओल्ड स्टूडेंट्स लड़कियों के साथ छेड़छाड़, गुंडागर्दी करते थे अब प्रिंसिपल सर ने ये बंद करवा दिया , केवल आईसी देखकर कॉलेज में प्रवेश का नियम बना दिया तो ये सब उन्हें पसंद नहीं आया और उन्हें हटवा दिया।
उधर गुरुवार को आन्दोलन करने वाले स्टूडेंट्स का आरोप था कि प्रिंसिपल डॉ गिरीश शर्मा के आने के बाद से खिलाड़ियों को खेल का सामान नहीं मिलता, लाइब्रेरी समय पर नहीं खुलती, लाइब्रेरी में पूरी किताबें नहीं है। बहरहाल इस मामले में बड़े स्तर पर राजनीति की बात सामने आ रही है , कहा जा रहा है कि स्थानीय मंत्री का करीबी एक व्यक्ति यहाँ अतिथि विद्वान है , प्रिसिपल शर्मा ने उसपर लगाम लगाने और नियमानुसार कॉलेज में पढ़ाने की बंदिश लगाई थी जिसका खामियाजा उन्हें ट्रांसफर के रूप में झेलना पड़ा।
हालाँकि प्रिंसिपल शर्मा ने कहा कि ट्रांसफर शासन की एक प्रक्रिया है, मुझे यहाँ भेजा गया था, जो मापदंड शासन के थे संभव है मैं उसपर उनके हिसाब से खरा नहीं उतरा तो उन्होंने दूसरे प्रोफ़ेसर को भेज दिया, रहीं बात बच्चों की तो जो गुरुवार को विरोध करने आये थे उनमें से अधिकांश लोग बाहर के थे किसी ने मुझे कोई ज्ञापन नहीं दिया, कोई समस्या नहीं बताई, आज भी मैं इन बच्चों को समझा रहा हूँ अब ये नहीं मान रहे तो मैं स्टाफ के साथ सड़क पर खड़ा हूँ।
ग्वालियर से अतुल सक्सेना की रिपोर्ट