ग्वालियर। एक ओर जहाँ वृक्षों को बचाने के लिए सरकारी और गैर सरकारी स्तर पर बड़े पैमाने पर प्रयास किये जा रहें है साथ ही ऐतिहासिक धरोहरों को बचाने की जी तोड़ कोशिशें की जा रही हैं ऐसे में ग्वालियर में 100 फ्लैट्स के निर्माण के लिए 60 से अधिक पुराने पेड़ों की बलि दी जा रही है। इतना ही नहीं जिस जगह ये फ्लैट बनाये जाने हैं वहां स्थित 100 साल पुराने बंगलों को भी तोड़ा जाएगा।
ग्वालियर के गजरा राजा मेडिकल कॉलेज की स्थापना रियासतकाल में हुई थी। वायसराय ऑफ इंडिया लॉर्ड वावेल ने 21 नवम्बर 1945 को इसकी आधार शिला रखी। 1 अगस्त 1946 को तत्कालीन महाराज जीवाजी राव सिंधिया ने इसके निर्माण का शुभारम्भ किया फिर 5 दिसंबर 1948 को मेडिकल कॉलेज भवन का शुभारम्भ भारत के उप प्रधानमंत्री सरदार वल्लभ भाई पटेल ने किया। इसके निर्माण के बाद तभी इसके आसपास डॉक्टर्स को रहने के लिए बंगलों का निर्माण कराया था । परिसर को हरा भरा रखने और साफ़ हवा के लिए उसी समय कई पौधे लगाये जो बड़े बड़े वृक्ष बन गए है। यहाँ कॉलेज से जुड़ा इतिहास बताने के पीछे हमारा मकसद सिफ इतना है कि आज की पीढ़ी को अपनी आवश्यकताओं के सामने इतिहास को मिटाने में समय नहीं लगता। ना ही हमारी विरासत को तहस नहस करने में उन्हें दर्द होता है । मेडिकल कॉलेज के वर्तमान प्रबंधन ने डॉक्टर्स को आवास उपलब्ध कराने के लिए एक ऐसी ही योजना बनाई है जिसमें 60 से अधिक पुराने वृक्ष काटे जायेंगे और इनमें से अधिकांश वो पेड़ हैं जो कॉलेज निर्माण के साक्षी है। यानि कई की आयु 50 से 70 साल है या उससे भी अधिक । इसके अलावा यहाँ बने रियासतकालीन पांच बड़े बंगले भी तोड़े जायेंगे। दरअसल डॉक्टर्स के लिए आवासों की कमी को देखते हुए जीआर मेडिकल कॉलेज प्रबंधन ने 100 फ्लैट्स बनाने की योजना बनाई है ये फ्लैट्स कॉलेज परिसर में ही बनेंगे। योजना के मुताबिक नौ और छह मंजिल के दो टॉवर बनेंगे। खास बात ये है कि इस प्रोजेक्ट के लिए 35 करोड़ रुपए की वित्तीय स्वीकृति पहले ही दी जा चुकी है और अब डीन डॉ भरत जैन ने भी इसे अनुमोदित कर दिया है। अब संभाग आयुक्त बीएम शर्मा की अनुमति मिलते ही इसपर काम शुरू हो जायेगा।
उठने लगे विरोध के स्वर
उधर हरे भरे पेड़ और पुराने बंगले तोड़े जाने का विरोध भी शुरू हो गया है। इसी बीच संभाग आयुक्त बीएम शर्मा का कहना है कि ये मामला मेरे संज्ञान में अभी आया है मैं इस मामले में अफसरों से इसकी जानकारी लूँगा। गौरतलब है कि प्रोजेक्ट का साईट विजिट करने के बाद तत्कालीन संभाग आयुक्त महेन्द्र चौधरी ने इसकी मंजूरी दी थी। पेड़ काटे जाने का विरोध सांसद विवेक शेजवलकर ने भी किया है उनका कहना है इसका पता लगाया जायेगा और पेड़ों को बचाया जायेगा। वन मंत्री एवं जिले के प्रभारी मंत्री उमंग सिंघार का कहना ह��� इस मामले में संभाग आयुक्त सहित कॉलेज के डीन से जवाब माँगा जायेगा। चिकित्सा शिक्षा मंत्री डॉ विजय लक्ष्मी साधौ का कहना है कि एक साथ 60 से अधिक पेड़ों को क्यों काटा जा रहा है इसकी जानकारी ली जाएगी । उधर क्षेत्रीय विधायक प्रवीण पाठक चेतावनी दी है कि चाहे कुछ भी करना पड़े पेड़ों की बलि नहीं चढ़ने देंगे।