केंद्रीय पर्यटन मंत्रालय के संस्थान IITTM के ऑडिटोरियम को ग्वालियर नगर निगम ने किया सील, ये है इसकी वजह

IITTM ग्वालियर भारत सरकार के पर्यटन मंत्रालय स्वर संचालित एक प्रतिष्ठित संस्थान है इसका मुख्यालय ग्वालियर है और बोधगया और शिलोंग में इसके कैम्पस है जबकि भुबनेश्वर, नोयडा, नेल्लोर और गोवा में इसके सेंटर्स हैं।

Atul Saxena
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IITTM Gwalior

IITTM auditorium sealed :  भारत सरकार के पर्यटन मंत्रालय के अधीन संचालित भारतीय पर्यटन एंव यात्रा प्रबंधन संस्थान ग्वालियर पर नगर निगम ने बड़ी कार्रवाई की है, निगम अधिकारियों ने संस्थान का ऑडिटोरियम सील कर दिया है, इस कार्रवाई की वजह IITTM पर 2 करोड 09 लाख 68 हजार 141 रुपये सम्पत्तिकर बकाया बताई जा रही है।

नगर निगम ग्वालियर द्वारा संपत्ति कर जमा करने के लिए निरंतर अभियान चलाकर बड़े बकायदारो पर संपत्ति कर जमा करने की कार्रवाई की जा रही है। संपत्ति कर जमा न करने पर उनकी संपत्ति सील करने की कार्रवाई भी की जा रही है। इसी कड़ी में आईआईटीटीएम संस्थान द्वारा 2 करोड 09 लाख 68 हजार 141 रुपये बकाया सम्पत्तिकर न जमा करने पर आज नगर निगम की टीम ने उसका ऑडिटोरियम सील कर दिया।

2 करोड 09 लाख 68 हजार 141 रुपये बकाया, IITTM का ऑडिटोरियम सील 

उपायुक्त एपीएस भदौरिया ने जानकारी देते हुए बताया कि नगर निगम आयुक्त अमन वैष्णव के निर्देश पर नगर निगम ग्वालियर द्वारा संपत्ति कर वसूली के लक्ष्य की प्राप्ति के लिए निरंतर अभियान चलाकर बड़े बकायेदारों से संपत्ति कर जमा करने की अपील करने के साथ ही वसूली भी की जा रही है। जिसके तहत आज भारतीय पर्यटन एंव यात्रा प्रबंधन संस्थान ग्वालियर पर 2,09,68,141 रुपये बकाया सम्पत्तिकर होने पर उक्त संस्थान के ऑडिटोरियम को सील करने की कार्यवाही की गई।

पर्यटन मंत्रालय का प्रतिष्ठित संस्थान है IITTM

आपको बता दें कि IITTM ग्वालियर भारत सरकार के पर्यटन मंत्रालय स्वर संचालित एक प्रतिष्ठित संस्थान है इसका मुख्यालय ग्वालियर है और बोधगया और शिलोंग में इसके कैम्पस है जबकि भुबनेश्वर, नोयडा, नेल्लोर और गोवा में इसके सेंटर्स हैं। कार्यवाही के सहायक सम्पत्तिकर अधिकारी महेन्द्र शर्मा, दौरान मदाखलत अधिकारी शैलेन्द्र चौहान, मदाखलत निरीक्षक श्रीकान्त सेन, सम्बन्धित संपत्तिकर कर संग्रहक एवं मदाखलत अमला मौजूद रहा।


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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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