ग्वालियर, अतुल सक्सेना। केंद्रीय नागरिक उड्डयन एवं इस्पात मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया (Scindia) दशहरे के विशेष मौके पर आज राजसी वेशभूषा में दिखाई दिए। उनके साथ उनके बेटे महान आर्यमन सिंधिया भी राजसी पोशाक में थे। रियासतें भले ही खत्म हो गई हो लेकिन ग्वालियर में सिंधिया राजवंश की बरसों पुरानी परम्पराओं को उनके वंशज आज भी निभा रहे हैं।
सिंधिया राजवंश प्रमुख ज्योतिरादित्य सिंधिया (Jyotiraditya Scindia) ने अपनी रियासत की परम्परा का निर्वहन करते हुए आज दशहरे के विशेष मौके पर गोरखी देवघर स्थित कुल देवताओं की पूजा (Scindia worshiped Kuldevta on Dussehra) की। उनके साथ बेटे महान आर्यमन सिंधिया भी थे। रियासत से जुड़े सरदार, उनके परिजन और सिंधिया समर्थक लोग आज भी ज्योतिरादित्य सिंधिया को महाराज कहते है और बेटे महान आर्यमन को युवराज कहते हैं।
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सिंधिया आज सुबह गोरखी देवघर पहुंचे जहाँ सिंधिया रियासत के पूर्व सरदारों ने उनके राजसी अंदाज में स्वागत किया। विशेष पारम्परिक शहनाई वादन के साथ राजवंश के पुरोहितों ने मंत्रोच्चार किया और सिंधिया ने अपने कुलदेवताओं की पूजा (Scindia worshiped the totem on Dussehra) की।
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मीडिया से बात करते हुए सिंधिया ने देश और प्रदेश वासियों को दशहरे की शुभकामनायें भी दी।