ग्वालियर, अतुल सक्सेना। महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने और महिलाओं के लिए सुरक्षा (Women Safety) का वातावरण बनाने के लिए ग्वालियर स्मार्ट सिटी कंपनी (Gwalior Smart City Company) ने एक नई पहल की है। ग्वालियर स्मार्ट सिटी की बसों में अब महिला कंडक्टर (female conductor) चलेंगी, जिससे किसी महिला सवारी के साथ छेड़छाड़ जैसी कोई अप्रिय घटना नहीं हो पाए। केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया (Jyotiraditya Scindia) ने मंगलवार को महिला कंडक्टर्स का सम्मान कर इस सेवा का शुभारम्भ किया।
ग्वालियर स्मार्ट सिटी डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन ने सूत्र सेवा में 12 महिलाओं को शहर के अंदर दौड़ने वाली सिटी (इंट्रा) बस और इंटरसिटी बसों में बताैर कंडक्टर जॉब पर रखा है। ये पहला मौका है जब सिटी बसाें में महिला कंडक्टर्स की तैनाती की गई है। आज मंगलवार को केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कलेक्ट्रेट पर इन महिला कंडक्टर का सम्मान कर इस सेवा का विधिवत शुभारम्भ किया।
श्री सिंधिया ने महिला कंडक्टर्स का सम्मान करते हुए इसे नारी सशक्तिकरण का उदारहण बताया उन्होंने कहा कि मैं इस सेवा की शुरुआत से बसों में सफर कर रही महिलाओं में भी सुरक्षा का भाव आएगा। स्मार्ट सिटी सीईओ श्रीमती जयति सिंह ने जानकारी देते हुए बताया कि स्मार्ट सिटी की सूत्र सेवा योजना के तहत शहर में 13 सिटी बस चल रही हैं, जबकि 14 इंटरसिटी बसें दूसरे शहरों में आ-जा रही हैं।
उन्होंने बताया कि अभी 8 महिला कंडक्टर्स को सिटी बस पर तैनात किया है। शेष 4 महिलाओं को शहर के बाहर जाने वाली ग्वालियर-भिंड, ग्वालियर-गुना और ग्वालियर-शिवपुरी बस में तैनात किया गया है। जल्द ही 10 महिलाओं को बतौर ड्राइवर (female driver) नौकरी दी जाएगी। इसके लिए केरल में बात चल रही हैं। वहां से 10 महिला चालकों को लाया जाएगा। इसके बाद संख्या दस और बढ़ा दी जाएगी।
उधर स्मार्ट सिटी की बसों पर तैनात की गई महिला कंडक्टर इस पहल से बहुत खुश हैं वे कहती है कि इससे महिलाओं और बच्चियों के बीच सुरक्षा का भाव बनेगा, वे निश्चिन्त होकर बस में यात्रा कर सकेंगी।
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Atul Saxena
पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....
पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....