Mon, Dec 29, 2025

MP Tourism : खंडहर बने एमपी के ये हेरिटेज, संकट में ओरछा और खजुराहो

Written by:Ayushi Jain
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MP Tourism : खंडहर बने एमपी के ये हेरिटेज, संकट में ओरछा और खजुराहो

MP Tourism : मध्यप्रदेश को भारत का दिल कहा जाता हैं। हर साल हजारों लोग यहां घूमने के लिए आते हैं। घूमने के लिहाज से एमपी सबसे बेस्ट माना जाता है। यहां कई हेरिटेज है जहां का इतिहास सबसे प्राचीन है। सबसे ज्यादा लोग ओरछा, खजुराहो, भोपाल और आसपास की जगहों पर प्राकृतिक, धार्मिक और ऐतिहासिक धरोहरों का दीदार करने के लिए जाते हैं। लेकिन इन्हीं में से कुछ स्मारकों और धरोहरों पर अब संकट मंडरा रहा है।

दरअसल, हमारी सभ्यता और संस्कृति के निशान जिन ऐतिहासिक धरोहरों में मौजूद है वह अब खंडहर बन गए है। कुछ को भूसा घर बना दिया है तो कोई कैफे बन चुका हैं। अतिक्रमण की वजह से कई धराहरों का वजूद खत्म होने की कगार पर है। खजुराहो, ओरछा, इस्लाम नगर समेत कई शहरों की विरासत संकट में है। क्योंकि ओरछा के शिव मंदिर को भूसा घर बना दिया गया है।

MP Tourism : किसी को बनाया कैफे तो किसी को भूसा घर 

वहीं खजुराहो की विश्व विरासत को कैफे बना दिया। सबसे ज्यादा लोग इन जगहों का दीदार करने के लिए आते हैं। सिर्फ भारत ही नहीं विदेशों के लोग भी इन हेरिटेज का इतिहास जानने के लिए दूर-दूर से आते हैं। जानकारी के मुताबिक, जबलपुर में विष्णु वराह मंदिर पर भी कब्ज़ा कर के वहां दुकान खोल दी गई है। ऐसे में प्रशासन भी इस पर कोई एक्शन नहीं ले रही हैं सभी मौन है।

एमपी के 64 स्थान अतिक्रमण की चपेट में 

खुलासा नियंत्रक एवं महालेखाकर की रिपोर्ट में इसका खुलासा हुआ है। इस रिपोर्ट में सरकारी धरोहर और स्मारकों की पोल खोली गई। बताया जा रहा है कि एमपी के 64 से ज्यादा स्थान अतिक्रमण की चपेट में है। इस रिपोर्ट के सामने आने के बाद कैग ने कई सवाल खड़े किए हैं। क्योंकि अब इन हालातों से निपटने के लिए कोई साधन नहीं है। क्योंकि कई जगहों की हालत काफी ज्यादा खस्ता है।

कई जगहों का रखरखाव नहीं हो पा रहा है तो कहीं फायर अलार्म सिस्टम भी मौजूद नहीं है। इतना ही नहीं कई ऐसी जगह भी है जहां का सर्वें सालों से अधूरा है। उन जगहों में दतिया के सूर्य मंदिर, मंदसौर किला, छतरपुर का भीमकुंड, रायसेन में गिन्नौरगढ़ किला, ग्वालियर की छत्रियां, डरफिन की सराय और भोपाल के लालघाटी, गोंदरमऊ और धरमपुरी के शैलाश्रय शामिल है।

ये जगहें बनी खंडहर –

  • खजुराहो में महाराजा प्रताप सिंह की छत्री को कैफे में तब्दील कर दिया गया।
  • ओरछा के शिव मंदिर को भूसा घर बनाया तो जुझार महल में एक जज और पालकी महल में निगम के कर्मचारी रहने लगे हैं।
  • गोंड महल के आसपास लोगों के घर बने हुए हैं। वहीं चमन महल, रानी महल और किलेबंदी का देखरेख करने वाला कोई नहीं है।
  • जबलपुर के मझोली के विष्णु मंदिर में दुकानें खोल दी गई हैं।
  • इंदौर के लालबाग पैलेस में पुराने वाहनों का जमावड़ा है।
  • 10 साल में भोपाल की ऐतिहासिक इमारत ताज महल को हेरिटेज होटल नहीं बनाया जा सका।
  • भोपाल म्यूजियम की कांस्य गैलरी सालभर से बंद है।