पटवारी भर्ती रोक मामले में हाई कोर्ट का सरकार और चयन मंडल को नोटिस, मांगा जवाब, अगली सुनवाई 21 अगस्त को

Gaurav Sharma
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MP Patwari Recruitment stay Petition case: 2023 विधानसभा चुनाव सर पर हैं लेकिन मध्य प्रदेश में चुनावों से भी ज्यादा अगर कोई मुद्दा इस वक्त चर्चा में बना हुआ है तो वह है पटवारी भर्ती परीक्षा का मामला। जबसे इस परीक्षा के परिणाम घोषित हुए हैं तब से इसको लेकर विवाद यथावत बना हुआ है।

यह थे मुख्य मुद्दे

चाहे एक ही परीक्षा केंद्र से टॉप 10 में से 7 छात्रों के चयन को लेकर मुद्दा हो, या एक ही सेंटर से एक ही उपनाम वाले छात्रों के चयन का मुद्दा हो, या एक परीक्षा में फिजिकली फिट और पटवारी परीक्षा में दिव्यांग कैटेगरी में चयनित हुए छात्रों का मुद्दा हो, विपक्ष और अक्रोशित छात्रों ने सरकार को हर मुद्दे पर घेर रखा है। छात्रों की बस एक ही मांग है परीक्षा रद्द की जाए।


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पत्रकारिता पेशा नहीं ज़िम्मेदारी है और जब बात ज़िम्मेदारी की होती है तब ईमानदारी और जवाबदारी से दूरी बनाना असंभव हो जाता है। एक पत्रकार की जवाबदारी समाज के लिए उतनी ही आवश्यक होती है जितनी परिवार के लिए क्यूंकि समाज का हर वर्ग हर शख्स पत्रकार पर आंख बंद कर उस तरह ही भरोसा करता है जितना एक परिवार का सदस्य करता है। पत्रकारिता मनुष्य को समाज के हर परिवेश हर घटनाक्रम से अवगत कराती है, यह इतनी व्यापक है कि जीवन का कोई भी पक्ष इससे अछूता नहीं है। यह समाज की विकृतियों का पर्दाफाश कर उन्हे नष्ट करने में हर वर्ग की मदद करती है। इसलिए पं. कमलापति त्रिपाठी ने लिखा है कि," ज्ञान और विज्ञान, दर्शन और साहित्य, कला और कारीगरी, राजनीति और अर्थनीति, समाजशास्त्र और इतिहास, संघर्ष तथा क्रांति, उत्थान और पतन, निर्माण और विनाश, प्रगति और दुर्गति के छोटे-बड़े प्रवाहों को प्रतिबिंबित करने में पत्रकारिता के समान दूसरा कौन सफल हो सकता है।