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Sun, Dec 21, 2025

पटवारी भर्ती रोक मामले में हाई कोर्ट का सरकार और चयन मंडल को नोटिस, मांगा जवाब, अगली सुनवाई 21 अगस्त को

Written by:Gaurav Sharma
Published:
पटवारी भर्ती रोक मामले में हाई कोर्ट का सरकार और चयन मंडल को नोटिस, मांगा जवाब, अगली सुनवाई 21 अगस्त को

MP Patwari Recruitment stay Petition case: 2023 विधानसभा चुनाव सर पर हैं लेकिन मध्य प्रदेश में चुनावों से भी ज्यादा अगर कोई मुद्दा इस वक्त चर्चा में बना हुआ है तो वह है पटवारी भर्ती परीक्षा का मामला। जबसे इस परीक्षा के परिणाम घोषित हुए हैं तब से इसको लेकर विवाद यथावत बना हुआ है।

यह थे मुख्य मुद्दे

चाहे एक ही परीक्षा केंद्र से टॉप 10 में से 7 छात्रों के चयन को लेकर मुद्दा हो, या एक ही सेंटर से एक ही उपनाम वाले छात्रों के चयन का मुद्दा हो, या एक परीक्षा में फिजिकली फिट और पटवारी परीक्षा में दिव्यांग कैटेगरी में चयनित हुए छात्रों का मुद्दा हो, विपक्ष और अक्रोशित छात्रों ने सरकार को हर मुद्दे पर घेर रखा है। छात्रों की बस एक ही मांग है परीक्षा रद्द की जाए।

भर्ती पर सरकार की रोक

छात्रों के आक्रोश को देखते हुए मध्य प्रदेश सरकार ने चयनित छात्रों की भर्ती पर रोक की घोषणा की और बाकी छात्रों को आश्वासन दिया कि जब तक जांच प्रक्रिया पूरी नहीं हो जाति भर्ती नहीं की जाएगी।

चयनित छात्रों का प्रदर्शन

इस घोषणा को लेकर चयनित छात्र भोपाल के नीलम पार्क में एकत्र हुए हुआ सरकार के इस निर्णय का शांतिपूर्ण विरोध किया। समाधान न मिलने पर चयनित छात्रों ने इसके विरोध में मध्यप्रदेश हाई कोर्ट की जबलपुर बेंच में इसके खिलाफ याचिका दायर की। आज इस याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने न केवल सरकार बल्कि चयन मंडल को भी नोटिस थमाया है और तीन हफ्ते में जवाब भी मांगा है।

कई सालों की मेहनत के बाद भी नतीजा कुछ नहीं

आपको बता दें यह याचिका छात्रों की तरफ से परीक्षा उम्मीदवार प्रयागराज दुबे ने एडवोकेट आदित्य सांघी के माध्यम से दायर की थी। इस याचिका में दुबे ने अपनी बात कोर्ट के समक्ष रखते हुए कहा कि वह ईडब्ल्यूएस श्रेणी के छात्र है, उन्होंने कई सालों तक इस परीक्षा की तैयारी कर यह एग्जाम दिया और 88.86% नंबर भी हासिल किए। अपने नंबरों को देखते हुए उन्हें पूरा भरोसा था कि अब उन्हें नौकरी मिल जाएगी। लेकिन ग्वालियर सेंटर पर हुए फर्जीवाड़े को जानकारी के बाद सीएम ने भर्ती को निरस्त कर दिया।

सीएम के अधिकार क्षेत्र के बाहर यह निर्णय

याचिकाकर्ता द्वारा कोर्ट को बताया गया कि आरोपों और आकांक्षाओं के आधार पर भर्ती परीक्षा पर रोक लगाने का सीएम का निर्णय उनके अधिकार क्षेत्र के बाहर है। यह अधिकार सिर्फ कर्मचारी चयन मंडल को है।

भर्ती निरस्त करना किसी भी सूरत में सही नहीं

याचिकाकर्ता के अधिवक्ता सांघी में कोर्ट को बताया कि पिछले पांच साल में हर परीक्षा किसी ने किसी संदेह में रही है जिसके चलते सरकारी भर्तियां नहीं हो पा रही हैं। जैसे तैसे हुई पटवारी परीक्षा भर्ती परीक्षा में चयनित हुए प्रयागराज को उम्मीद थी कि अब उन्हें नौकरी मिल जाएगी लेकिन विवाद के चलते सरकार ने पूरी परीक्षा को निरस्त कर दिया जो किसी भी सूरत में सही नहीं है।

सरकार और कर्मचारी चयन मंडल को नोटिस

याचिकाकर्ता की बात को सुनते हुए जस्टिस एमएस भट्टी की बेंच ने राज्य सरकार और कर्मचारी चयन मंडल को नोटिस जारी किया है।इतना ही नहीं बेंच ने सरकार और मंडल से तीन हफ्ते में जवाब भी मांगा है। आपको बता दें इस मामले की अगली सुनवाई 21 अगस्त को निर्धारित की गई है।